द विंडो की कहानी एक कलाकार के अपनी कला के प्रति सच्चा रहने और उसके जीवन की क्रूर सच्चाई के बीच के संघर्ष के बारे में है। उसकी कला सिनेमा है और वो अपने आर्ट के लिए कोई समझौता नहीं करना चाहता।
यह किरदार 31 साल के एक आदमी लेख का है, जो अपनी कला के लिए अपने ही अहंकार, घबराहट और स्वार्थ से लड़ता है। लेख उधार के पैसों से उधार के अपार्टमेंट में रहता है। वह अपने करियर और जीवन के फैसलों के लिए संदेह में रहता है। वह अपनी पत्नी आएशा से नफरत करता है, क्योंकि वह उसे धोखा देकर किसी और पुरुष के पास चली गई है।
लेख अपने पैरेंट्स से भी नाराज़ है क्योंकि वे उसके बचपन में अलग हो गए थे, जिसकी वजह से उसकी ज़िंदगी खराब हो गई। वह उन सभी लोगों से नाराज़ है जो उसके टैलेंट और कड़ी मेहनत को अनदेखा कर देते हैं और वह खुद से भी अपनी इस गड़बड़ के लिए नाराज़ है।
लेख का एकमात्र दोस्त और एजेंट इरफान उसे एक प्रोजेक्ट लाकर देता है जिसमें उसे एक ब्लॉकबस्टर तेलुगु फिल्म का रीमेक लिखना है। लेख को यह काम बिलकुल पसंद नहीं आता। इरफान उसे पैसा न देने और दोस्ती तोड़ देने की धमकी देता है जिसके बाद लेख स्क्रिप्ट लिखने के लिए तैयार हो जाता है, लेकिन लेख स्क्रिप्ट लिख नहीं पाता।
वह एक रहस्यमय लड़की से सम्मोहित हो जाता है जिसे वह अपनी गैलरी से देखता था। लेख को पता चलता है कि लड़की को उसके भाई ने अपार्टमेंट में बंद कर रखा है। लेख फैसला करता है कि वह लड़की को बचाएगा और इस बारे में गहराई से चीज़े खोजना शुरू कर देता है।
लेख अपनी लाइफ की तकलीफें भी सुलझाने की कोशिश करता है क्योंकि वह स्क्रिप्ट लिखने में स्ट्रगल करता है, जिम्मेदार बेटा और भाई नहीं बन पाता, अपनी जिंदगी नहीं चला पाता, अपनी पत्नी के साथ व्यवहार नहीं बना पाता। इन सभी के साथ वह उस लड़की को उसकी बुरी ज़िंदगी और परिवार से बचा लेता है।