Avatar The Way Of Water Review फिल्म समीक्षा : प्रेम, भाईचारे और शांति की बात करती है अवतार द वे ऑफ वॉटर

समय ताम्रकर

शुक्रवार, 16 दिसंबर 2022 (13:37 IST)
अवतार द वे ऑफ वॉटर के रूप में निर्देशक जेम्स कैमरून 13 वर्ष बाद अपनी ब्लॉकबस्टर मूवी 'अवतार' का सीक्वल लेकर आए हैं। यह अंतराल बहुत लंबा है क्योंकि दर्शकों की नई पीढ़ी आ गई है जिन्होंने शायद 'अवतार' नहीं देखी होगी। साथ ही जिन्होंने देखी होगी वे कुछ बातें भूल चुके होंगे। बहरहाल जेम्स कैमरून इन बातों की चिंता नहीं करते। वे काम को परफेक्ट करने में विश्वास करते हैं भले ही कितना भी समय लगे। 
 
अवतार की कहानी जेम्स कैमरून ने वर्षों पहले सोची थी, चूंकि फिल्म बनाने की विधा उस समय उतनी उन्नत नहीं हुई थी इसलिए वे इंतजार करते रहे और सही समय पर उन्होंने फिल्म बनाकर पूरी दुनिया को चौंका दिया। 'अवतार' में उन्होंने अपनी कल्पना की दुनिया दिखाई। पेंडोरा ग्रह, वहां के निवासी, पेड़-पौधे, घने जंगल, अजीब तरह के कीड़े-मकोड़े, उड़ते भीमकाय ड्रेगन को जेम्स कैमरून ने बिग स्क्रीन पर इस तरह साकार किया था कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।
 
अवतार द वे ऑफ वॉटर की कहानी में कुछ वर्षों का जंप दिया गया है। अवतार प्रोग्राम का हिस्सा जैक सली (सैम वर्थिंगटन) अब पेंडोरा का ही हिस्सा बन चुका है। वहां नेतिरी (जो सलदाना) से शादी कर परिवार बसा चुका है। दो बेटे और दो बेटियों के अलावा इंसानी बच्चा स्पाइडर भी उनके परिवार का हिस्सा है।
 
इधर धरती के कुछ लोग जैक सली से प्रतिशोध लेना चाहते हैं। कर्नल माइल्स की यादों और डीएनए से कर्नल क्वारीच बनाया जाता है जो आधुनिक हथियारों से लैस टुकड़ी, जिसमें शक्शिाली सैनिक हैं, लेकर पेंडोरा पहुंचता है और जैक सली पर हमला करता है। जैक अपने परिवार को बचा लेता हैं, लेकिन स्पाइडर, क्वारीच के हाथ लग जाता है। जैक सली अपने परिवार को लेकर टोनोवारी के पास शरण लेता है जिनका जीवन समुंदर के इर्दगिर्द घूमता है। जैक सली को इस नई दुनिया में अपने को ढालना है साथ ही क्वारीच से अपने परिवार की रक्षा भी करना है।    


 
अवतार द वे ऑफ वॉटर की कहानी कई लोगों ने मिल कर लिखी है। कहानी में अगर आप कुछ नया या अनोखा खोजते हैं तो ज्यादा हासिल नहीं होता। चूंकि फिल्म की लागत दो हजार करोड़ रुपये है इसलिए संभव है कि थोड़ा सुरक्षित खेला गया है। अवतार में पेंडोरा ग्रह और उससे जुड़ी बातें दर्शकों के लिए नई थी इसलिए वे दंग थे, इसलिए 'अवतार द वे ऑफ वॉटर' में कहानी पर और मेहनत जरूरी थी।  
 
फिल्म के अंत में विलेन, हीरो के बेटे के गले पर चाकू अड़ाकर हीरो से अपनी डिमांड पूरी करने को कहता है। ये सीन देख आपको सत्तर और अस्सी के दशक की कई मसाला हिंदी फिल्मों की याद आ जाएगी या मछली का हीरो की मदद करने वाला प्रसंग आपको अमिताभ बच्चन की 'अजूबा' की याद दिला देगा। 
 
कहानी की जो कमियां हैं उस पर स्क्रीनप्ले भारी पड़ता है। स्क्रीनप्ले में उन तत्वों को रखा गया है जो दुनिया भर के दर्शकों को अपील कर सके। जैक सली के परिवार की सोच और मासूमियत सीधे दर्शकों के दिल को छूती है। एक व्यक्ति जो अपने परिवार और समुदाय के लिए अपनी जान की बाजी लगाता है वो सही मायनों में हीरो बन भर फिल्म में समय-समय पर उभरता रहता है। 
 
जेम्स कैमरून अपनी इस फिल्म से इशारा करते हैं कि हो सकता है कि वर्षों बाद मनुष्य अपने लालच और स्वार्थ के कारण दूसरे ग्रहों पर हमला कर उनके निवासियों से लड़ाई कर सकता है। पृथ्वी को बरबाद करने में तो उसने कोई कसर नहीं छोड़ी है, लेकिन जैक सली जैसे किरदार के जरिये वे रास्ता भी दिखाते हैं कि यदि मिल-जुल कर रहा जाए तो मनुष्य और दूसरे ग्रह के निवासियों में भी भाईचारा रह सकता है। 
 
प्यार ही ऐसी भाषा है जो अलग-अलग धर्म, जाति या अलग-अलग ग्रहों के निवासियों को साथ खड़ा कर सकती है। तरक्की के लिए प्रकृति के विनाश की सोच वालों को भी जेम्स कैमरून कटघरे में खड़ा करते हैं और फिल्म में मौजूद कई जीव-जंतु महत्वपूर्ण किरदार निभाते हुए दिखाई देते हैं। 
 
अवतार द वे ऑफ वॉटर में जेम्स ने तल्लीनता से अपनी बात कही है, इसलिए शुरुआत में फिल्म बहुत स्लो लगती है। किरदारों के विस्तार पर उन्होंने खासा समय खर्च किया है। शुरुआत में लंबा वाइसओवर भी है। चूंकि सीक्वल 13 वर्ष बाद आया है इसलिए यह जरूरी भी है।  फिल्म लगभग एक घंटे बाद स्पीड पकड़ती है और अंत में एक्सप्रेस गाड़ी की तरह भागती है। क्लाइमैक्स लंबा लेकिन शानदार है और फिल्म की भव्यता को दर्शाता है। 

 
बतौर निर्देशक जेम्स कैमरून फिल्म के हीरो हैं। विज्युअल इफेक्ट, कहानी और एक्शन का संतुलन उन्होंने बनाए रखा है। अक्सर देखा जाता है कि स्पेशल इफेक्ट्स कहानी पर हावी हो जाते हैं, लेकिन यहां ऐसा नहीं होता। पानी के अंदर की दुनिया लाजवाब तरीके से नजर आती है। तीन घंटे तक आप एक अलग ही दुनिया में घूमते नजर आते हैं तो इसका श्रेय जेम्स कैमरून और उनकी तकनीकी टीम को जाता है।
 
सिनेमाटोग्राफी, स्पेशल इफेक्ट, कास्ट्यूम्स, मेकअप, बैकग्राउंड म्यूजिक जैसे तकनीकी विभागों में फिल्म खरी उतरती है। फिल्म को थ्री-डी वर्जन में ही देखा जाना चाहिए। चूंकि फिल्म का बजट बहुत ज्यादा है इसलिए एडिटिंग टेबल पर नरमाई बरती गई है। अवतार द वे ऑफ वॉटर की सवा तीन घंटे की अवधि थोड़ी अखरती है। कुछ दृश्यों को जरूरत से ज्यादा लंबा रखा गया है। 
 
सैम वर्थिंगटन, जो सल्डाना, सिगरनी वीवर, स्टीफन लैंग, केट विंसलेट सहित सारे कलाकारों की एक्टिंग अद्‍भुत है। एक अलग ग्रह के निवासियों की जो बॉडी लैंग्वेज और फेशियल एक्सप्रेशन उन्होंने जिस तरह से पूरी फिल्म में पकड़ कर रखे हैं और तारीफ के काबिल है। 
 
अवतार द वे ऑफ वॉटर प्रेम, भाईचारे, परिवार, रिश्ते और शांति की बात करती है जिसकी पूरी दुनिया को आज सख्त जरूरत है। 

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