Godfather, Movie Review चिरंजीवी अपने दौर में स्टार रहे हैं और उसी लोकप्रियता को भुनाने के लिए उनके प्रशंसकों के लिए 'गॉडफादर' (Godfather Movie Review) बनाई गई है। चूंकि उम्र हो गई है, इसलिए चिरंजीवी रोमांस करते नजर नहीं आए और न ही उनके अपोजिट कोई हीरोइन है, लेकिन एक्शन उनका ऐसा है कि टाइगर श्रॉफ शरमा जाए।
चिरंजीवी के पास न हट्टा-कट्टा शरीर है और न ही वैसी फूर्ति, इसलिए वे अपने बीते दिनों के स्वैग का इस्तेमाल करते हुए दर्जनों गुंडों को पल भर में धूल चटाते नजर आते हैं।
तेलुगु फिल्म गॉडफादर (Godfather Movie Review) मलयालम फिल्म लूसिफर का रिमेक है जिसे हिंदी में डब कर रिलीज किया गया है। कहानी इस प्रकार है- एक राज्य के मुख्यमंत्री का निधन हो गया है। ब्रह्मा (चिरंजीवी) और सत्याप्रिया (नयनतारा) मुख्यमंत्री की संतान हैं, लेकिन दोनों की मां अलग-अलग थीं। इसको लेकर दोनों में कभी नहीं बनी। सत्याप्रिया का पति जयदेव (सत्यदेव कंचरना) मुख्यमंत्री बनना चाहता है, लेकिन उसकी राह में ब्रह्मा आ खड़ा होता है। पद की इस दौड़ में कौन सही है और कौन गलत, ये धीरे-धीरे पता चलता है।
कहानी में एक ओर राजनीतिक ड्रामा है तो दूसरी ओर पारिवारिक संघर्ष, जिसे चिरंजीवी की स्टाइल और एक्शन का तड़का लगा कर पेश किया गया है।
फिल्म (Godfather Movie Review) तेज गति से भागती हुई महसूस जरूर होती है, लेकिन ड्रामे में कोई नई बात नहीं है। सैकड़ों फिल्मों में ऐसी कहानी देख चुके हैं। भ्रष्टाचारियों की कहानी कई बार दिखाई जा चुकी है।
कहानी में राजनीतिक दांवपेंच इतने जोरदार नहीं हैं कि दर्शकों को कुछ नया महसूस हो। ब्रह्मा और जयदेव के आपसी टकराव के कुछ सीन अच्छे हैं, लेकिन हर सीन के बारे में ये नहीं कहा जा सकता।
फिल्म (Godfather Movie Review) की शुरुआत में विलेन जो चाहे वो करता है और बड़ी आसानी से करता है। फिर हीरो की बारी आती है तो वह हर चीज आसानी से करता है। कहानी पर चिरंजीवी का स्टारडम बहुत भारी है जो कहीं-कहीं फिल्म के लिए नुकसानदायक बन गया है।
फैमिली ड्रामा भी बहुत ज्यादा अपील नहीं करता है। आगे क्या होने वाला है इसका अंदाजा दर्शक आसानी से लगा लेते हैं। फिल्म के अंत में ब्रह्मा के किरदार के जो राज खोले गए हैं उसमें अति कर दी गई है।
फिल्म (Godfather Movie Review) का स्क्रीनप्ले चिरंजीवी के फैंस को ध्यान में रखते हुए लिखा गया है। हर सीन में चिरंजीवी का पलड़ा भारी हो इसी को आधार बनाकर प्रत्येक दृश्य लिखा गया है। बढ़िया संवाद भी चिरंजीवी के हिस्से में आए हैं।
निर्देशक मोहन राजा का फोकस भी चिरंजीवी पर रहा है। उनका निर्देशन अच्छा है, लेकिन कहानी में नई बात नहीं होने के कारण उनके हाथ भी बंधे रहे। मोहन राजा ने ड्रामैटिक सीन अच्छे से फिल्माए और अपने कलाकारों से बेहतरीन काम लिया। स्पेशल अपियरेंस में सलमान खान का बखूबी इस्तेमाल किया।
चिरंजीवी ने अपने किरदार को स्टाइलिश बनाते हुए अच्छी एक्टिंग की है। नयनतारा की एक्टिंग भी शानदार रही है, हालांकि उनके किरदार को और निखरने का मौका दिया जाना चाहिए था। सत्यदेव कंचनरना का परफॉर्मेंस भी दमदार है। मासूम भाई के रूप में सलमान खान बोले कम और गोलियां ज्यादा चलाई हैं और छोटे रोल में वे जमे हैं। मुरली शर्मा, सयाजी शिंदे, समुथिराकानी सहित तमामा कलाकारों का काम उम्दा है।
तकनीशियनों ने अच्छा काम किया है और डबिंग फिल्म देखते समय परेशान नहीं करती। गॉडफादर (Godfather Movie Review) उन लोगों के लिए हैं जो चिरंजीवी के फैन हैं, बाकियों के लिए फिल्म में कुछ नया नहीं है।
निर्माता: आरबी चौधरी, एनवी प्रसाद, रामचरण
निर्देशक : मोहन राजा
कलाकार : चिरंजीवी, नयनतारा, सत्यदेव, सलमान खान (विशेष भूमिका)