शानदार : फिल्म समीक्षा

'हम आपके हैं कौन' के बाद शादी की पृष्ठभूमि पर आधारित कई फिल्में बनी हैं और 'क्वीन' जैसी उम्दा फिल्म बनाने वाले विकास बहल ने भी 'डेस्टिनेशन वेडिंग' की पृष्ठभूमि पर 'शानदार' बनाई है जो किसी परी कथा की तरह लगती है। यह विकास बहल की 'हम आपके हैं कौन' है जो अपने बेहतरीन प्रस्तुतिकरण के कारण दर्शकों को बांध कर रखती है। 
 
अरोरा और फंडवानी परिवार दिवालिया हो गए हैं, लेकिन यह बात वे एक-दूसरे के बारे में नहीं जानते। अपने कारोबार को चमकाने के लिए वे एक शादी की डील करते है जिसके तहत बिपिन अरोरा (पंकज कपूर) की बेटी ईशा (सना कपूर) की शादी हैरी फंडवानी (संजय कपूर) के भाई से तय हो जाती है। 
 
यह एक डेस्टिनेशन वेडिंग है जिस पर जम कर पैसा बहाया जा रहा है। शादी को ऑर्गेनाइज करने का जिम्मा जगजिंदर जोगिंदर (शाहिद कपूर) के हाथों में है। जगजिंदर जोगिंदर का दिल बिपिन की नाजायज बेटी आलिया (आलिया भट्ट) पर आ जाता है। जगजिंदर जोगिंदर को बिपिन बिलकुल पसंद नही करता, लेकिन नींद नहीं आने की बीमारी से पीड़ित आलिया को जगजिंदर अच्छा लगने लगता है। 
इस प्रेम कहानी के साथ शादी के नाम पर पैसे का भौंडा प्रदर्शन और अमीरों की हर बात को व्यवसाय के चश्मे से देखने की आदत को भी दिखाया गया है जिसके तहत एट पैक एब्स वाला लड़का 90 किलो ग्राम वाली एक लड़की से शादी के इसलिए तैयार हो जाता है क्योंकि उतने वजन का उसे सोना मिलेगा। मोटापे और फिटनेस को लेकर भी फिल्म में अच्‍छा खासा व्यंग्य किया गया है। 
 
फिल्म की कहानी बहुत ही साधारण है और इस तरह की कहानी कई बार हिंदी सिनेमा में दिखाई जा चुकी है, लेकिन निर्देशक का प्रस्तुतिकरण और कलाकारों का अभिनय फिल्म में आपकी रूचि जगाए रखता है। नसीरुद्दीन शाह के वाइस ओवर और शानदार एनिमेशन के साथ फिल्म शुरू होती है। फिल्म का पहला दृश्य जो कि शाहिद कपूर और पंकज कपूर के बीच फिल्माया गया है, फिल्म के मूड को सेट कर देता है। शाहिद, पंकज और आलिया के किरदारों को आप तुरंत ही पसंद करने लगते हैं। 
 
फिल्म परी कथा जैसा आभास देती है जिसमें हर चीज़ खूबसूरत नजर आती है। पंकज-शाहिद-आलिया के बीच के मजेदार दृश्यों से फिल्म लगातार मनोरंजन करती है और इंटरवल तक बहती हुई चलती है। इंटरवल के बाद फिल्म फिल्म खींची हुई लगती है और थोड़ी बोरियत महसूस होती है क्योंकि कहने के लिए निर्देशक के पास कुछ बाकी नहीं रहता। 'सिंड्रेला' की कहानी अचानक 'दम लगा के हईशा' बन जाती है। यदि दूसरे भाग में जगजिंदर-आलिया की प्रेम कहानी को ज्यादा फुटेज दिया जाता तो बेहतर रहता, लेकिन इस हिस्से में रोमांस को लगभग भूला ही दिया गया है। बावजूद इन कमियों के फिल्म में ऐसे दृश्यों की भरमार है जो मनोरंजन करते रहते हैं, जैसे मशरूम-ब्राउनी वाला सीक्वेंस, करण जौहर का मेहंदी विद करण और ईशा का शादी में अपने कपड़े उतारना वाले दृश्य।
 
निर्देशक विकास बहल ने 'डिज़्नी' की तरह खूबसूरत, रंगीन और सॉफ्ट फिल्म बनाने की कोशिश की है। उनका प्रस्तुतिकरण लाजवाब है, लेकिन दमदार कहानी न होने के कारण फिल्म उतनी प्रभावी नहीं बन पाई। हालांकि कहानी की कमी को उन्होंने अपनी कल्पनाशीलता से काफी हद तक ढंक कर खुशनुमा फिल्म बनाई है। उन्होंने रोमांस और पिता-पुत्री के रिश्ते को ताजगी के साथ पेश किया है।  
 
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फिल्म का संगीत और बैकग्राउंड म्युजिक इसके प्लस पाइंट्स हैं और इसका सारा श्रेय संगीतकार अमित त्रिवेदी को जाता है। 'गुलाबो', 'शाम शानदार' और 'सेंटी वाली मेंटल' सुनने लायक हैं। इसके अलावा दो पुराने गानों 'नींद न मुझको आए' और 'ईना मीना डिका' को नए स्वरूप में पेश करने वाला प्रयोग भी अच्‍छा है। गीतों का फिल्मांकन आंखों को सुकून देता है। बैकग्राउंड म्युजिक पर खासी मेहनत की गई है।  
 
कलाकारों का चयन एकदम सटीक है। फिल्म के मूड के अनुरूप सभी ने थोड़ी ओवरएक्टिंग की है, लेकिन लाइन क्रास नहीं की है। वेडिंग प्लानर के रूप में शाहिद कपूर जमे हैं और अपने किरदार की स्मार्टनेस को उन्होंने बेहतरीन तरीके से जिया है। आलिया भट्ट राजकुमारी की तरह लगी हैं और उनकी एक्टिंग इतनी नेचुरल है कि लगता ही नहीं कि वे अभिनय कर रही हैं। 
पंकज कपूर के लिए इस तरह के रोल करना बाएं हाथ का खेल है। पंकज-शाहिद, पंकज-आलिया, शाहिद-आलिया की केमिस्ट्री बेहतरीन रही है। सना कपूर की शुरुआत अच्छी है। सुषमा सेठ ने मुंहफट दादी के रूप में कमाल किया है। संजय कपूर ने सिंधी बिजनेसमैन के रूप में लाउड एक्टिंग की है जो किरदार की डिमांड थी। 
 
कुल मिलाकर त्योहारों के मौसम में इस खुशमिजाज फिल्म को देखा जा सकता है। 
 
बैनर : धर्मा प्रोडक्शन्स, फैंटम प्रोडक्शन्स
निर्माता : अनुराग कश्यप, मधु मंटेना, विक्रमादित्य मोटवाने, करण जौहर
निर्देशक : विकास बहल
संगीत : अमित त्रिवेदी
कलाकार : शाहिद कपूर, आलिया भट्ट, पंकज कपूर, सना कपूर, संजय कपूर
सेंसर सर्टिफिकेट : यूए * 2 घंटे 25 मिनट 32 सेकंड 
रेटिंग : 3/5 

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