बोधिसत्व की पाषाण प्रतिमाएँ क्षतिग्रस्त

- जय तापड़िय
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ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण में करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद पुरा महत्व की मूर्तियों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। विश्व प्रसिद्घ बाग गुफाओं की गुफा नंबर 2 की महत्वपूर्ण पाषाण प्रतिमा 'बोधिसत्व' के मुँह वाले हिस्से का क्षरण हाल ही में हो गया है। राष्ट्रीय स्मारक में कई जगह क्षरण का क्रम तेजी से जारी है।

पाँचवीं से सातवीं शताब्दी के मध्य निर्मित बाग की गुफाओं के संरक्षण में सन्‌ 1953 से पुरातत्व विभाग लगा है। करोड़ों रुपए खर्च किए जा चुके हैं। बावजूद इसके ऐतिहासिक पाषाण प्रतिमाओं को बचाने में लापरवाही बरती जा रही है। इनमें गर्भगृह के बाहर दोनों दीवारों पर तीन-तीन प्रतिमाएँ हैं। इन्हीं में से दाहिने हाथ की पहली प्रतिमा का मुँह जर्जर हो गया है। यहाँ कुल आठ पाषाण प्रतिमाएँ हैं। इनमें से अधिकांश में कई जगह दरार आ गई हैं।

गुफा नंबर 2 की दाहिनी ओर स्थित कमरों के क्षरण से वहाँ मलबा जमा है। इनके शीघ्र ही संरक्षण की आवश्यकता है। लगभग 4 वर्ष पूर्व लापरवाही के चलते द्वारपाल का सिर जमीन पर गिरकर चकनाचूर हो गया था। बाद में इसे मरम्मत कर ठीक किया गया।

करोड़ों की प्रतिकृति बेहाल -

मूर्तियों में क्षरण को देखते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने गुफा नंबर 2 में स्थित बौद्ध और बोधिसत्व की मूर्तियों की 4 प्रतिकृति फाइबर से तैयार की हैं। इन्हें बाग गुफा के सामने संग्रहालय की बाहरी दीवार पर खुले आसमान में लगा दिया गया है। धूप और बरसात से प्रभावित होकर गहरे गेहूँए रंग की ये प्रतिकृतियाँ अब सफेद होने लगी हैं। एक में तो दरार तक आ चुकी हैं।

लोगों का कहना है कि समय रहते इन्हें यदि सुरक्षित नहीं किया गया तो भावी पीढ़ी के लिए बाग गुफा की मनोहारी मूर्तिकला महज इतिहास के पन्नों तक ही सीमित रह जाएगी। प्रतिकृतियों को तीन बरस से ज्यादा समय नहीं हुआ। बोधिसत्व की प्रतिकृति की छाती, हाथ और गर्दन के हिस्से फटने लगे हैं जबकि कहा जा रहा था कि फाइबर निर्मित ये मूर्तियाँ वर्षों तक नहीं खराब होंगी।

बाग-कुक्षी मार्ग से लगभग सवा 3 किमी अंदर बाग गुफा स्थित हैं। इस मार्ग से कोई संकेतक नहीं हैं जो यह दर्शाता हो कि बाग गुफा यहाँ स्थित हैं। पर्यटकों के लिए बाग गुफा का मार्ग जान पाना मुश्किल है। कुक्षी मार्ग से बाग गुफा जाने वाले मार्ग पर ऐतिहासिक धरोहर के लिए कोई बड़ा संकेतक नहीं है। मूर्तियों को सहेजने और मरम्मत का जिम्मा केमिकल ब्राँच के अधीन है। उन्हें क्षरण की जानकारी दिए जाने पर उन्होंने बाग गुफा का दौरा कर लिया है। गुफा नंबर 2 की मूर्तियों को ठीक कर दिया जाएगा। प्रतिकृतियों पर चद्दर का शेड लगाएँगे।

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