एक बार भगवान बुद्ध जेतवन विहार में रह रहे थे, भिक्षु चक्षुपाल भगवान से मिलने के लिए आए थे। उनके आगमन के साथ उनकी दिनचर्या, व्यवहार और गुणों की चर्चा भी हुई।
चिकित्सक को तो पता था कि उस स्त्री की आंखें ठीक हो गई हैं। वह झूठ बोल रही है। उसे सबक सिखाने के लिए या बदला लेने के लिए चक्षुपाल ने दूसरी दवा दी, उस दवा से महिला फिर अंधी हो गई। वह कितना ही रोई-पीटी, लेकिन चक्षुपाल जरा भी नहीं पसीजा। इस पाप के फलस्वरूप अगले जन्म में चिकित्सक को अंधा बनना पड़ा।