बजट से महंगाई बढ़ेगी-उद्योग जगत

शुक्रवार, 16 मार्च 2012 (16:48 IST)
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उद्योग जगत ने वित्त वर्ष 2012-13 के बजट को निराशाजनक करार देते हुए कहा है कि इससे महंगाई बढ़ेगी और उपभोक्ता मांग प्रभावित होगी। उद्योग जगत ने कहा है कि वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने बजट में अधिक कर जुटाने का प्रयास किया है और एक अवसर गंवा दिया है।

फिक्की के अध्यक्ष आर वी कनोड़िया ने कहा कि इस बजट से अर्थव्यवस्था की रफ्तार नहीं बढ़ने वाली। वहीं सीआईआई के अध्यक्ष बी. मुत्तुरमन ने कहा कि वह और अधिक की उम्मीद कर रहे थे और उत्पाद शुल्क आधारित प्रस्तावों से दाम और चढ़ेंगे। मुत्तुरमन ने कहा कि राजकोषीय घाटे को कम करने के कदम से अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।

सीके बिड़ला समूह के सिद्धार्थ बिड़ला ने कहा कि इस बजट ने मौका गंवा दिया। बायोकॉन की चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक किरण मजूमदार शॉ ने आशंका जताई कि बजट मुद्रास्फीतिक दबाव बढ़ाने वाला साबित होगा।

जेके समूह के हषर्पति सिंघानिया ने इसी तरह की राय जाहिर करते हुए कहा कि उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी से महंगाई बढ़ेगी। नकदी की कमी से जूझ रही सरकार ने 2012-13 में 45940 करोड़ रुपए का अतिरिक्त अप्रत्यक्ष कर जुटाने का प्रस्ताव किया है। यह प्रस्ताव ऐसे समय किया गया है, जब उद्योग जगत पहले से मांग की कमी से जूझ रहा है।

हालांकि, अगले वित्त वर्ष में खाद्य सब्सिडी का बोझ बढ़ने का अनुमान है। बजट प्रस्तावों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को दी जाने वाली सब्सिडी 75000 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष में इसके 72823 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली और अन्य कल्याण योजनाओं के लिए केंद्र द्वारा तय मूल्य और खाद्यान्न की आर्थिक लागत के अंतर को पूरा करने के लिए खाद्य सब्सिडी प्रदान की जाती है।

वित्त वर्ष 2012-13 में उर्वरक सब्सिडी में भी 6225 करोड़ रुपए की भारी कमी का अनुमान है। बजट प्रस्तावों में उर्वरक सब्सिडी बिल 60974 करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया गया है, जो चालू वित्त वर्ष में 67199 करोड़ रुपए है।

उर्वरक सब्सिडी के तहत सरकार आयातित यूरिया के लिए 13398 करोड़ रुपए, देश के उत्पादित यूरिया पर 19,000 करोड़ रुपए और 28576 करोड़ नियंत्रणमुक्त उर्वरकों डीएपी, एमओपी और कॉम्प्लेक्स की किसानों को सब्सिडी वाली दरों पर बिक्री के लिए उपलब्ध कराएगी।

रिलायंस कैपिटल की मुख्य निवेश रणनीतिकार मधु केला ने कहा कि बजट में ने तो किसी तरह का नकारात्मक और न ही सकारात्मक आश्चर्य है। बजट का गणित विश्वास करने योग्य, अनुमान वास्तविकता पर टिके हैं। वहीं एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा है कि सोने पर सीमा शुल्क में वृद्धि सही दिशा में उठाया गया कदम है।

उन्होंने कहा कि हमें 5.1 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे पर वित्तमंत्री को ‘संदेह का लाभ’ देना चाहिए। राजकोषीय घाटे का लक्ष्य उचित है। कोटक महिंद्रा समूह के वाइस चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक उदय कोटक ने कहा कि मुझे लगता है कि देर-सवेर सरकार डीजल के दाम बढ़ाएगी। राजनीतिक मजबूरियों की वजह से सरकार डीजल को पूर्ण रूप से नियंत्रणमुक्त नहीं करेगी। उर्वरक सब्सिडी के साथ ईंधन की कीमतों में भी कुछ कमी देखने को मिलेगी। (भाषा)

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