प्रभु ने जब धार्मिक महत्व के उन 18 शहरों का नाम लेना शुरु किया जिनका चुनाव यात्री सुविधाओं की व्यवस्था और स्टेशनों के सौंदर्यीकरण के वास्ते किया गया है तो तृणमूल के सांसद अपने स्थान पर खड़े हो गए और जोर-जोर से कहने लगे कि इनमें पश्चिम बंगाल के एक भी धार्मिक स्थल का नाम शामिल नहीं है। (वार्ता)