Weather Update : हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में बादल फटने से मची तबाही, हल्द्वानी में नहर में गिरी कार, वायनाड में बाढ़ और भूस्खलन की चेतावनी

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

बुधवार, 25 जून 2025 (19:35 IST)
देश के कई राज्यों में मानसून का आगमन हो चुका है। पहाड़ी राज्यों में बारिश से भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में बुधवार को बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में तीन लोग बह गए तथा कई घर, एक स्कूल भवन, संपर्क सड़कें और छोटे पुल क्षतिग्रस्त हो गए। उत्तराखंड के  हल्द्वानी में कार के नहर में गिरने से 4 लोगों की मौत हो गई। वायनाड में बाढ़ और भूस्खलन की चेतावनी दी गई है। 
 
कूल्लू में 3 जगहों पर फटे बादल
कुल्लू जिले के सैंज में जीवा नाला और रेहला बिहाल तथा गड़सा क्षेत्र के शिलागढ़ में बादल फटने की तीन घटनाएं हुईं। अधिकारियों ने बताया कि रेहला बिहाल में अपने घरों से सामान निकालने की कोशिश कर रहे तीन लोग बाढ़ में बह गए और लापता हैं।
कुल्लू के अतिरिक्त जिला आयुक्त (एडीसी) अश्विनी कुमार ने बताया कि जिले के मनाली और बंजार में भी अचानक बाढ़ आ गई। टीम मौके पर मौजूद है और तलाश अभियान जारी है। मणिकरण घाटी में ब्रह्म गंगा नाले में अचानक बाढ़ आने की भी सूचना मिली है। पानी का स्तर कई घरों तक पहुंच गया है और अगर यह जल्दी कम नहीं हुआ तो इससे नुकसान हो सकता है।
 
कुल्लू में कई जगहों पर भारी बाढ़ के कई वीडियो में तबाही के निशान दिखे हैं। एक वीडियो में एक वाहन कीचड़ भरे पानी में बहता हुआ दिखाई दे रहा है।
 
बंजार के विधायक सुरिंदर शौरी ने कहा कि सुबह से भारी बारिश हो रही है और मुझे कई कॉल आए हैं कि बारिश के कारण सैंज, तीर्थन और गड़सा में नुकसान हुआ है। मैंने प्रशासन से त्वरित कार्रवाई करने को कहा है क्योंकि लोग परेशान हैं। ब्यास और सतलुज नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। इसके अलावा, लाहौल और स्पीति पुलिस ने कहा कि काजा से समदोह तक सड़क भूस्खलन, मलबा गिरने और नालों के उफान पर होने के कारण कई स्थानों पर अवरूद्ध हो गई है।
 
नहर में बही कार, 4 लोगों की मौत 
उत्तराखंड के हल्द्वानी में भारी बारिश के दौरान एक अनियंत्रित कार के नहर में गिरने से एक नवजात शिशु समेत परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गयी और तीन अन्य लोग घायल हो गए। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि यह हादसा सुबह करीब साढ़े सात बजे उस समय हुआ, जब उधमसिंह नगर जिले के किच्छा थानाक्षेत्र के बरा गांव का रहने वाला एक परिवार चार दिन पहले जन्में बच्चे को लेकर हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल से कार में सवार होकर घर लौट रहा था।
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पुलिस के मुताबिक, कार रास्ते में दमकल विभाग के पास अनियंत्रित होकर एक नहर में जा गिरी। पुलिस ने बताया कि सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंचीं तथा राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया। पुलिस के मुताबिक, हादसे में चार लोगों की मौके पर ही मृत्यु हो गयी, जिनमें नवजात शिशु के अलावा उसके पिता राकेश (32), नानी कमला देवी (50) और बच्ची की ताई नीतू (36) शामिल हैं।
 
पुलिस ने बताया कि नवजात की मां रमा (27) दुर्घटना में घायल हो गयी है जबकि अन्य घायलों की पहचान नीतू के पति रमेश (39) और कार चालक श्यामलाल (40) के रूप में हुई है। पुलिस के मुताबिक, घायलों को सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका उपचार जारी है।
 
पुलिस ने बताया कि शुरुआती जांच में दुर्घटना का कारण कार की तेज गति और चालक का वाहन पर से नियंत्रण खोना बताया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने अपने शोक संदेश में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
 
वायनाड में बाढ़और भूस्खलन की चेतावनी 
वायनाड के मुंडक्कई-चूरलमाला क्षेत्र में पिछले 24 घंटे से हो रही भारी बारिश के कारण फिर से बाढ़ और भूस्खलन की आशंका पैदा हो गई है, जबकि ठीक एक साल पहले यहां भीषण भूस्खलन में 200 से अधिक लोगों की जान चली गई थी।
 
जिला अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि चूरलमाला नदी उफान पर है और कीचड़ युक्त पानी तेजी से बह रहा है तथा बेली ब्रिज के पास नदी के तटीय क्षेत्रों में कटाव हो रहा है। नदी के दोनों किनारों पर मरम्मत कार्य के लिए जमा की गई मिट्टी बह गई है, जिससे अट्टामाला रोड और आस-पास के इलाकों में पानी भर गया है।
 
स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्हें लगता है कि पर्वतीय क्षेत्रों में खास तौर पर पुंचिरीमट्टम के पास के जंगली इलाकों में हालिया भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। हालांकि अधिकारियों ने कहा कि अब तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
 
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने कहा कि जंगल के अंदर पुंचिरीमट्टम के पर्वतीय क्षेत्र में भूस्खलन की नयी घटना की कोई पुष्टि नहीं हुई है। डीडीएमए ने कहा, कि पूर्व की भूस्खलन की घटनाओं के बाद निकला मलबा बारिश के साथ नीचे आ रहा है। यह संभवतः कटाव वाला सारा मलबा बहने तक यह कुछ समय तक जारी रहेगा। जुलाई 2024 की आपदा को याद करते हुए निवासी चिंतित हैं, जिसमें मकान ढह गए थे, कई लोग घायल हो गए थे और सैकड़ों लोग बेघर हो गए थे।
 
जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि पर्वतीय क्षेत्रों में व्यापक बारिश के कारण बाढ़ आई है। हालांकि, उन्होंने कहा कि तत्काल कोई खतरा नहीं है और वे स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। नीचे की ओर मनंतावडी और पनामारम में कबानी नदी में जल स्तर बढ़ गया है।
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ऑरेंज अलर्ट जारी 
बाणासुर बांध लगभग पूरा भर गया है और आस-पास के क्षेत्रों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है। इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने वायनाड सहित 11 जिलों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है, जिसमें अगले तीन घंटों में मध्यम बारिश और 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक तेज हवाएं चलने की चेतावनी दी गई है। तिरुवनंतपुरम, कोल्लम और अलप्पुझा में भी हल्की बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना है।
 
राजस्थान में अनेक जगह भारी बारिश
राजस्थान के विशेषकर पूर्वी भागों में मानसून की तेज बारिश का दौर जारी है और बीते चौबीस घंटे में सबसे अधिक 190 मिलीमीटर बारिश बांसवाड़ा के सल्लोपट में हुई। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में बारिश का दौर अभी जारी रहेगा।
 
विभाग के अनुसार, बुधवार को सुबह तक, बीते 24 घंटे के दौरान पूर्वी राजस्थान में अनेक स्थानों पर बादलों की गरज के साथ बारिश हुई। कहीं कहीं भारी से अतिभारी बारिश दर्ज की गई। पश्चिमी राजस्थान में भी बारिश का दौर जारी रहा। इस दौरान सर्वाधिक 190 मिमी. बारिश बांसवाड़ा के सल्लोपट में दर्ज की गई।
 
राज्य के कई जिलों में अब भी गर्मी का सितम जारी है और मंगलवार दिन में सर्वाधिक अधिकतम तापमान गंगानगर में 42.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग का कहना है कि राज्य के पूर्वी भागों में बारिश की गतिविधियां आगामी एक सप्ताह जारी रहने व कहीं-कहीं भारी बारिश होने की पूरी संभावना है।
 
इसके अनुसार, पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर, बीकानेर संभाग के कुछ भागों में भी आगामी दिनों में बादलों की गरज के साथ बारिश होगी। वहीं बीकानेर, जोधपुर संभाग में 26 से 29 जून के दौरान बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होने और कहीं-कहीं भारी बारिश होने का अनुमान है। इनपुट भाषा Edited by : Sudhir Sharma

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