हर साल बजट पेश करने से पहले कई तरह की चर्चाएं होती हैं। उनमें से एक चर्चा यह भी होती है कि बजट को हमेशा लाल रंग के कपड़े या सूटकेस में ही क्यों लाया जाता है? क्या आप जानते हैं इसके पीछे की वजह और कब से शुरू हुई यह परंपरा? आई जब दुनिया हिंदी पर हम आपको बताते हैं आखिर क्यों लाल रंग के कपड़े में लाया जाता है देश का बजट।
लाल रंग का महत्व
लाल रंग को शक्ति, ऊर्जा, उत्साह और शुभता का प्रतीक माना जाता है। भारतीय संस्कृति में लाल रंग का विशेष महत्व है। इसे धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उपयोग किया जाता है। लाल रंग को देवी दुर्गा, हनुमान जी और लक्ष्मी जी का भी प्रिय रंग माना जाता है।
बजट और लाल रंग का संबंध
बजट को लाल रंग के कपड़े या सूटकेस में लाने की परंपरा ब्रिटिश काल से चली आ रही है। ऐसा माना जाता है कि 1860 में ब्रिटिश चांसलर विलियम इवार्ट ग्लैडस्टोन ने पहली बार बजट को लाल चमड़े के बैग में पेश किया था। इसके बाद से ही यह परंपरा चली आ रही है।
शक्ति और अधिकार का प्रतीक: लाल रंग को शक्ति और अधिकार का प्रतीक माना जाता है। बजट देश की आर्थिक नीतियों का दस्तावेज होता है, इसलिए इसे लाल रंग में पेश करना सरकार की शक्ति और अधिकार को दर्शाता है।
शुभता का प्रतीक: लाल रंग को शुभता का प्रतीक भी माना जाता है। बजट देश के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है, इसलिए इसे शुभ रंग में पेश करना शुभ माना जाता है।
परंपरा: लाल रंग में बजट लाने की परंपरा ब्रिटिश काल से चली आ रही है, जिसे आज भी निभाया जा रहा है।
2019 में बदली परंपरा
साल 2019 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस परंपरा को तोड़ दिया था। उन्होंने बजट को लाल रंग के कपड़े में पेश किया था। उनका कहना था कि यह भारतीय परंपरा को दर्शाता है।