नई दिल्ली (एजेंसी)। अब कोई भी छात्र देश के किसी दूरदराज इलाके में बैठकर कोई भी परीक्षा ऑनलाइन दे सकेगा। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने यहां राष्ट्रीय ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली का उद्घाटन किया।
श्री सिब्बल ने इस सॉफ्टवेयर लांच को ऐतिहासिक घटना बताते हुए कहा कि इस ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली के लागू होने से देश में सभी परीक्षाएं पारदर्शी हो जाएंगी और प्रश्न-पत्र लीक होने की घटनाएं नहीं हो पाएंगी एवं दूरदराज इलाकों तक प्रश्न-पत्र एवं उत्तर पुस्तिकाएं ले जाने की समस्या भी दूर हो जाएगी।
टनों कागज बचेगा श्री सिब्बल ने कहा कि एक परीक्षा आयोजित करने में कम से कम 50 टन कागज खर्च होता है। ऑनलाइन परीक्षा से कागज भी बच जाएगा और पर्यावरण की भी रक्षा हो पाएगी। यह सॉफ्टवेयर नियोक्ता एवं छात्रों दोनों के लिए फायदेमंद है।
और आसान होगी परीक्षा श्री सिब्बल ने कहा कि अगर इस सॉफ्टवेयर को आकाश टॅबलेट से जोड़ दिया जाए तो ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली और आसान हो जाएगी। अभी 25 हजार से अधिक कम्प्यूटर एक स्थान पर एक समय लीज पर नहीं लिए जा सकते हैं लेकिन आकाश को इससे जोड़ने पर यह प्रणाली सभी छात्रों के लिए सुगम हो जाएगी।
विकलांगों का बनेगा डेटाबेस श्री सिब्बल ने कहा कि देश में पांच वर्ष से कम आयु के 49 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार हैं और अस्पतालों में उनका कोई डेटा बेस नहीं है। सूचना प्रौद्योगिकी के जरिए उनके लिए सॉफ्टवेयर तैयार कर उनका डेटाबेस बन सकता है। इस तरह स्वच्छता व सफाई के बारे में भी डेटाबेस बन सकता है। श्री सिब्बल ने सीडैक से अपील की कि वह लड़कियों, कुपोषित बच्चों व स्वच्छता डेटाबेस के लिए भी सॉफ्टवेयर तैयार करे। इससे आम आदमी को फायदा होगा।
परीक्षा से नतीजे तक ऑनलाइन परीक्षा एक सॉफ्टवेयर के जरिए संपन्न होगी, जिसे नोएडा स्थित सेंटर फार डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कम्प्यूटिंग (सीडैक) ने तैयार किया है। इस सॉफ्टवेयर के जरिए तीस हजार छात्रों की परीक्षा एक साथ पूरे देश में ली जा सकेगी। सीडैक इस सॉफ्टवेयर को और विकसित करेगा ताकि यह सारी परीक्षाओं के लिए उपयोगी हो सके। इस सॉफ्टवेयर से कोई भी छात्र परीक्षा के लिए अपना पंजीकरण करा सकता है, परीक्षा दे सकता है और उसका नतीजा भी पा सकता है।