कहते हैं किताबें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। ये ऐसी दोस्त हैं जिन पर ना तो फोन का बेलेंस खर्च होता है और ना ही ये हमसे ट्रीट माँगती हैं। लेकिन फिर भी हो सकता है कि आप में से कई लोग ये शिकायत करें कि हम अपने इस दोस्त को टाइम नहीं दे पाते। तो हमारे पास इसका भी इलाज है। अपनाइए कुछ टिप्स और बन जाइए किताबों के बेस्ट फ्रेंड :
* कम बोलें।
* अपने पास हमेशा एक पुस्तक रखें।
* नींद न आने पर कुछ पढ़ने की आदत डालें।
* रोज जिस समय जागते हैं, उससे पंद्रह मिनट पहले जागकर अपनी रुचि का वाचन (पुस्तकादि) करें।
* अचानक जब अकेलापन महसूस हो तो अपने पास रखी पुस्तक को पढ़कर उसे साथी बना लें।
* किसी का इंतजार कर रहे हैं तो उस पर नाराज होने की अपेक्षा पुस्तक पढ़कर अपना रक्तचाप ठीक रखें।
* किसी डॉक्टर के यहाँ जाते समय हास्य-व्यंग्य की पुस्तक अवश्य साथ रखें।
* ट्रैफिक जाम ! बस खराब ! ट्रेन लेट ! ऐसे समय में किसी अच्छी किताब का वाचन कर परिस्थिति को कोसने से बचें।
इन शोर्ट, कहने का मतलब है कि कि किताबों को साथी बनाएँ और अपनी जिंदगी को खुश कर दें। बोझिलता से बचें और हेल्दी रहें।