अभिभावक भी समझें अपनी जिम्मेदारी

- महुआ

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छात्र के तनाव को बढ़ाने और कम करने में कहीं न कहीं अभिभावकों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है। काउंसलर गीतांजलि का कहना है कि अभिभावकों को इन दिनों बच्चों की तैयारियों में मदद करनी चाहिए। छात्रों पर बेवजह अपनी अपेक्षाएँ न थोपकर उन्हें समझें।

सीबीएसई ने भी अभिभावकों को समझाने के लिए अपनी वेबसाइट में विस्तृत जानकारी दी है। काउंसलर का भी कहना है कि अभिभावकों को इस समय बच्चों को पूरा समय देना चाहिए। इससे बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और वह तैयारियों को अच्छे से कर पाएंगे। अभी चल रहे प्री बोर्ड में अगर बच्चे ने उतने अच्छे अंक हासिल नहीं किए हैं तो उन्हें डांटे नहीं। बल्कि उन्हें और अच्छा करने के लिए प्रेरित करें।

क्या करें अभिभावक

छात्रों को अगर अभिभावकों का सहयोग न मिले तो वह कभी भी अच्छा नहीं कर पाएँगे।

इन दिनों अभिभावकों को चााहिए कि उनके खाने-पीने के साथ ही उनकी तैयारियों में, उनके समय सारिणी बनाने में मदद करें।

इन सब बातों से बच्चों को भी एहसास होगा कि परीक्षाओं को लेकर अभिभावक उनके साथ है और उन्हें अच्छा करना है।

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बच्चों को तनाव से दूर रखने के लिए अभिभावकों को उन्हें सही वातावरण और सही प्रेरणा देनी चाहिए।

बच्चों के आत्मविश्वास को कम न होने दें।

बच्चे इस कठिन समय में भावनात्मक जुड़ाव चाहते हैं। ऐसे में उनके साथ बैठें, उनसे बात करें, उनकी परेशानियों को समझें।

अपने तनाव को बच्चों पर न हावी होने दें। अगर प्री बोर्ड की परीक्षाओं में बच्चों ने इतना अच्छा नहीं किया है तो उन्हें और अच्छा करने की प्रेरणा दें।

बच्चे से उतनी ही अपेक्षा रखें जितनी उनकी क्षमता है।

पढ़ाई के अलावा बच्चों के साथ बैठें और हंसी मजाक करें।

बच्चों के समय सारिणी के अनुसार उन्हें पढ़ने के लिए पीछे पड़ने के बजाए उनके साथ खुद भी बैठें। वह समझदार हैं, उत्साह बढ़ाएँ।

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