2017 में एक यमनी नागरिक की हत्या की दोषी पाई गई भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन में 16 जुलाई को फांसी दी जाना है। निमिषा को कोर्ट ने एक नागरिक, तलाल अब्दो महदी की हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई है। क्या निमिषा प्रिया की फांसी टल सकती है। निमिषा को फांसी की सजा से बचाने का कोई रास्ता है और भारतीय सरकार इसके लिए प्रयास कर रही है या नहीं।
ऐसे कई सवाल हैं। निमिषा की फांसी को टालने के लिए ब्लड मनी (Blood Money) का सहारा लिया जा सकता है। निमिषा वर्तमान में यमन की राजधानी सना की जेल में बंद है, जो ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के नियंत्रण में है। इसकी अनुमति इस्लामिक कानून देना है। हालांकि अंतिम फैसला पीड़ित परिवार के हाथों में होता है। तो जानिए क्या है ब्लड मनी और कैसे बच सकती है निमिषा की जान।
क्या है निमिषा का पूरा मामला
केरल के पलक्कड़ जिले के कोलेनगोड़े की रहने वाली निमिषा को जुलाई, 2017 में एक यमनी व्यक्ति की हत्या का दोषी पाया गया था। वह उसका बिजनेस पार्टनर था। 2020 में एक यमनी अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई थी और देश की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने नवंबर, 2023 में सजा को बरकरार रखा था। लेकिन पीड़ित के परिवार के साथ समझौते यानी ब्लड मनी (दियात) के जरिए संभावित राहत की गुंजाइश छोड़ दी थी।
आखिर जानते हैं क्या होती है ब्लड मनी। ब्लड मनी एक प्रकार का आर्थिक मुआवजा है, जो आरोपी द्वारा पीड़ित के परिवार को दिया जाता है। इसे दियात भी कहा जाता है। इसका उद्देश्य होता है कि आरोपी को माफी मिलने की संभावना बने। इस्लामिक कानून के तहत खासकर हत्या जैसे मामलों में पीड़ित के परिजनों को यह अधिकार होता है कि वे दोषी को क्षमा करें या नहीं। यदि वे मुआवजा लेने को तैयार हों, तो सजा-ए-मौत को टाला जा सकता है। यह व्यवस्था अधिकतर गैर-इरादतन हत्या जैसे मामलों में अपनाई जाती है, लेकिन कई बार जानबूझकर की गई हत्या में भी परिवार की सहमति से यह रास्ता खुलता है।
कितनी होती है ब्लड मनी की रकम
ब्लड मनी की कोई तय रकम नहीं होती। यह आमतौर पर आरोपी और पीड़ित के परिवार या उनके प्रतिनिधियों के बीच आपसी सहमति से तय की जाती है। कुछ देशों में न्यूनतम राशि का अनुमान तय होता है। निमिषा प्रिया के मामले में अनुमान है कि 3 से 4 लाख अमेरिकी डॉलर (करीब ढाई से तीन करोड़ रुपए) तक की रकम की आवश्यकता पड़ सकती है। निमिषा के लिए के लिए साल 2020 में Save Nimisha Priya International Action Council की शुरुआत की गई थी, जो इस रकम को जुटाने में लगा है।
फैसला पीड़ित परिवार पर
निमिषा प्रिया के जीवन-मरण का फैसला अब यमन में पीड़ित परिवार की इच्छा पर टिका है। अगर वे ब्लड मनी स्वीकार करते हैं तो भारतीय नर्स की फांसी टल सकती है। हालांकि अभी तक इस पर आधिकारिक बयान नहीं आया है, जिससे स्थिति अनिश्चित बनी हुई है।
कैसी है परिवार की आर्थिक स्थिति
निमिषा प्रिया के पति थामस दिहाड़ी मजदूर व ड्राइवर हैं और आर्थिक तंगी के कारण उन्हें अपनी बेटी को छात्रावास भेजने के लिए मजबूर होना पड़ा है, जो अब सातवीं कक्षा की छात्रा है। थॉमस ने पहले कहा था कि परिवार पर 60 लाख रुपए का कर्ज है, जो 2015 में यमन में एक क्लीनिक स्थापित करने के लिए लिया गया था, जिसे 2017 में बंद कर दिया गया था।
निमिषा मामले में क्या रही है भारत सरकार
मीडिया खबरों के मुताबिक भारत सरकार 16 जुलाई को होने वाली फांसी को रोकने के प्रयासों में लगी हुई है। इस मामले में कुछ पेचीदगियां हैं क्योंकि भारतीय पक्ष का हूती विद्रोहियों के साथ कोई औपचारिक संपर्क नहीं है। सरकारी सूत्रों ने कहा कि हम तब से मामले पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। हम स्थानीय अधिकारियों और निमिषा के परिवार के सदस्यों के साथ नियमित संपर्क में हैं और हरसंभव सहायता प्रदान की है। भारतीय पक्ष ने निमिषा की रिहाई के लिए ''ब्लड मनी'' चुकाने का विकल्प भी तलाशा था, लेकिन पता चला है कि इसमें भी कुछ समस्याएं आ गईं।
क्या पहले भी भारतीय को मिली है ब्लड मनी की सहायता
2019 में तमिलनाडु के अर्जुनन अथिमुत्थु की मौत की सजा को कुवैत में उम्रकैद में बदला गया, जब उनके परिवार ने करीब 30 लाख रुपए बतौर ब्लड मनी अदा किए। एक और उदाहरण 2006 का है जब अब्दुल रहीम को सऊदी अरब में एक किशोर की हत्या के आरोप में मौत की सजा हुई थी। परिवार ने 34 करोड़ रुपए की ब्लड मनी देकर अदालत से माफी दिलवा दी। इनपुट एजेंसियां Edited by: Sudhir Sharma