दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं। एक वे जो हमेशा बिजी रहते हैं। इनके हर अधूरे काम की वजह एक ही होती है, बिज़ी था, इसलिए कर नहीं सका। आप इनसे पूछिए कि आपको फलां जगह पहुंचने का वादा करके भी क्यों नहीं आए तो इनका जवाब होगा- 'बहुत बिजी था। आप अगर इनसे कहेंगे कि कम से कम फोन तो कर ही सकते थे तो उसके लिए भी इनका यही जवाब होगा- बहुत बिजी था।
समझ लीजिए कि वह व्यक्ति व्यस्त नहीं, व्यस्तता के मनोविकार का शिकार है। ऐसे लोग अकेले होते हुए भी अपने आप में पूरा माहौल होते हैं। ऐसे लोग आमतौर पर अपने दफ्तर पर बोझ होते हैं, क्योंकि ये बेहद अनुत्पादक होते हैं। ऐसे लोगों की नौकरी अगर किसी तिकड़म के चलते-चलती भी रहती है तब भी बॉस उससे खुश नहीं रहते क्योंकि यह बात हमेशा उसके दिलो दिमाग में रहती है कि अमुक व्यक्ति दफ्तर पर बोझ है।