China helped Pakistan during Operation Sindoor: उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह (Lieutenant General Rahul R Singh) ने शुक्रवार को कहा कि चीन ने भारत को तकलीफ पहुंचाने के लिए पाकिस्तान का इस्तेमाल किया और वह मई में भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच चार दिनों तक चले संघर्ष 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान अपने सदाबहार सहयोगी को हरसंभव सहायता प्रदान कर रहा था।
उधार के चाकू से मारने का मतलब है कि दुश्मन को पराजित करने के लिए किसी तीसरे पक्ष का इस्तेमाल करना, अर्थात चीन ने पाकिस्तान को भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि भारत वास्तव में तीन शत्रुओं का सामना कर रहा था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन के अलावा तुर्किये भी इस्लामाबाद को सैन्य साजो-सामान की आपूर्ति में प्रमुख भूमिका निभा रहा था।
उन्होंने कहा कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान केवल सामने का चेहरा था, जबकि असली समर्थन चीन से मिल रहा था। हमें इसमें कोई हैरानी नहीं हुई, क्योंकि अगर आप पिछले 5 वर्षों के आंकड़े देखें, तो पता चलता है कि पाकिस्तान को मिलने वाले सैन्य उपकरणों में से 81 प्रतिशत चीन से आ रहे हैं।
तुर्किए से भी मिली पाकिस्तान को मदद : लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा कि तुर्किए ने भी पाकिस्तान को सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि हमने युद्ध के समय और युद्ध क्षेत्र में कई ड्रोन आते और उतरते देखे, साथ ही वहां मौजूद व्यक्तियों की गतिविधियां भी देखी गईं।उप सेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय नेतृत्व का 'रणनीतिक संदेश' स्पष्ट था तथा उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में लक्ष्यों की योजना और चयन बहुत सारे आंकड़ों पर आधारित था।
भारत ने 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाते हुए सात मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। इन हमलों के कारण 4 दिनों तक भीषण झड़पें हुईं, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति के साथ समाप्त हुईं। नई दिल्ली का कहना है कि भारत के भीषण जवाबी हमले के कारण पाकिस्तान को उस दिन शत्रुता समाप्त करने की गुहार लगाने पर मजबूर होना पड़ा। (एजेंसी/वेबदुनिया)