मन सुंदर तो सब सुंदर

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कुछ दि‍नों पहले लखनऊ में आयोजि‍त एक प्रति‍योगि‍ता के बारे में सुना, नाम था 'खूबसूरत मन प्रतियोगिता'। ये प्रति‍योगि‍ता पि‍छले दो सालों से अयोजि‍त की जा रही है। इस प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को बिना देखे व बिना व्यक्तिगत रूप से मिले, केवल फोन द्वारा ही बातचीत के माध्यम चुना जाता है। मतलब नो आउटर इंप्रेशन ओनली इंटरनल ब्‍यूटी।

स्‍वभाव और संस्कारों कखूबसूरती कबि‍नकॉस्मेटिक से मि‍लने वाली खूबसूरती आपको नाम का खूबसूरत बनाती है काम का नहीं। ये सिर्फ मुखौटा है, इसलिए अपने अंतर में खूबसूरती के दीप जलाएँ तब ही सच्‍चे अर्थों में जगमाएगा आपका जीवन।

तो हो जाए सोने पे सुहागा...
जि‍तने खूबसूरत आप बाहर से उतने ही अंदर से हो तो सोने पे सुहागा हो जाता है। इंसान को भीतर से खूबसूरत तो होना ही चाहिए, पर किसी को एक बार में इंप्रेस करने के लिए उसे बाहर से भी कुछ खूबसूरत तो दिखना पड़ता है। कभी-कभी ये मजबूरी भी बन जाती है। लेकि‍न यह बात याद रखें कि‍ खूबसूरत बनकर आप लोगों को आकर्षित तो कर सकते हैं लेकि‍न खुद को साबि‍त नहीं कर सकते। साबि‍त करने के लि‍ए तो अंदर से सुंदर होना पड़ेगा।

सिंपल सी बात है कि किसी भी व्यक्ति का फर्स्ट इंप्रेशन उसका लुक होता है, जो लोगों का ध्यान उसकी ओर खींचता है लेकि‍न उस ध्‍यान को बनाए रखने का काम गुणों का है। अगर कोई सुंदर है तो उसमें गुण भी हों, इसकी एक्‍पेक्‍टेशंस बढ़ जाती है और कभी- कभी ये जरूरी भी हो जाता है।

असली ब्‍यूटी तो कैरेक्‍टर है
खूबसूरत होने के साथ-साथ हमें एक अच्छा इंसान भी बनना चाहिए। चरि‍त्र अच्‍छा हो और सीधा-साधा मन हो तो आप सबको जीत सकते है। हमारे संस्कार हमें अंदर से सुंदर बनाते हैं और इन संस्कारों के बि‍ना तो हमारी ऊपरी सुंदरता कि‍सी काम की नहीं है। ये सुंदरता ही आपको भीड़ से अलग कर आपकी पहचान बनाती है। आप बस अपने जीवन के लक्ष्य तय करें एवं उन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए ईमानदारी से प्रयास करें।

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जस्‍ट बी योर सेल्‍फ
आप जैसे हैं वैसे ही रहें और कभी किसी की नकल न करें। बनावटीपन व दिखावे की बजाए आप अपने जैसे बने रहो, भगवान से डरो और बुरे कामों से दूर रहो, बस इतना काफी है। बाकि‍ आपको कि‍सी के लि‍ए खुद को बदलने की जरूरत नहीं है। अगर आप रि‍श्तों की अहमि‍यत को समझते हैं खुद से ईमानदार हैं तो दूसरे भी यही चाहेंगे की आप बदले नहीं, जैसे हैं वैसे ही रहें। तो जस्‍ट बी योर सेल्‍फ!

ब्‍यूटी वि‍द ब्रेन
कई बार विश्वसुंदरी का खिताब नीग्रो लड़कि‍यों को भी मिला है, जिनके गुणों ने उन्‍हें खूबसूरती दी है। ब्‍यूटी वि‍द ब्रेन का फॉर्मूला तो आज के जमाने का हि‍ट फॉर्मूला है जो आज हर क्षेत्र में अपनाया जाता है।

केवल फेशि‍यल ब्‍यूटी काम की नहीं है आपका ब्रेन भी ब्‍यूटीफुल होना चाहि‍ए। क्‍योंकि‍ बाहरी रूप किसी को कुछ देर तक ही बाँधे रख सकता है पर मन की खूबसूरती जीवनभर के लिए किसी को आपसे जोड़े रख सकती है।

आत्‍मा की सुंदरता
शक्‍से खूबसूरत लोग दिल से भी खूबसूरत हों, ऐसा जरूरी नहीं है। आत्‍मा की सुंदरता पाने के लिए तो व्यक्ति में गुणों का होना जरूरी है। दिखने में बुरा होते हुए भी अगर कोई गुणवान और प्रतिभावान हो तो उसे कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता है, क्योंकि जीवन की लंबी दौड़ में साँझ की तरह ढलते रूप की नहीं, बल्कि सूरतरअँधेरमेउजालोरोशकरनवालगुणों की कद्र होती है।

ऐसे कई उदाहरण हैं जो बाहरी खूबसूरती के पैमाने को परि‍स्‍थि‍ति‍यों के अनुसार बदलते हैं, पर दुनि‍या में भीतर की खूबसूरती का एक ही पैमाना है और वह है आत्मा से पवित्र और सुंदर होना।

गोरा रंग तो एक दि‍न ढल जाएगा
इंसान का रंगरूप आज नहीं तो कल उसका साथ छोड़ ही देता है। उम्र के साथ साथ आपके चेहरे की रंगत बदल जाती है। अगर कुछ नहीं बदलता तो वो है आपकी सीरत। बाहरी खूबसूरती को तो पाया भी जा सकता है, लेकि‍न पर मन की खूबसूरती मुश्किल से ही देखने को मि‍लती है।

उम्र के साथ ढलने वाली खूबसूरती से कहीं ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण है जीवन भर साथ निभाने और रिश्तों को सहेजकर रखने वाली समझ। यही सारी जिंदगी आपका साथ नि‍भाती है।

ये सच है कि‍ आउटर ब्‍यूटी केवल आँखों को सुकून देने भर की ही होती है लेकि‍न भीतर की सुंदरता तो महसूस करने वाली होती है, जो किसी के दिलो-दिमाग में हमारी एक इमेज बनाती है और आगे चलकर यही खूबसूरती हमारे भविष्य को भी निर्धारित करती है।

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