दसवीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षाओं की उलटी गिनती शुरू हो गई है। जैसे-जैसे परीक्षाएं नजदीक आ रही हैं वैसे-वैसे बच्चों के दिल की धड़कने भी बढ़ने लगी हैं। ऐसे में प्रताप नगर स्थित सर्वोदय विद्यालय के उप-प्राचार्य महावीर सिंह का कहना है कि अच्छे अंक लाने का मूल मंत्र है रिवीजन। महावरी सिंह ने कहा कि परीक्षाओं से डेढ़-दो महीने पहले बच्चों को कुछ नया नहीं पढ़ना चाहिए।
पूरे साल जो उन्होंने पढ़ा है सिर्फ उसकी रिवीजन कर परीक्षाओं में बड़ी आसानी से अच्छे अंक प्राप्त किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी विषयों की रिवीजन बेहद जरूरी है। प्रत्येक विषय की रिवीजन के लिए बच्चों को टाइम टेबल बनाना चाहिए। साथ ही बच्चों को रात में देर रात तक जागकर पढ़ने की बजाय सुबह जल्दी उठकर पढ़ना चाहिए। उनका कहना है कि यह बहुत जरूरी है कि जब आप किसी विषय की रिवीजन कर रहे हों तब आपका दिमाग तंदुरुस्त हो। और सुबह का वक्त याद करने के लिए सबसे बेहतर होता है।
रात की अच्छी नींद के बाद सुबह दिमाग पूरे दिन के मुकाबले सबसे ज्यादा गति से काम करता है। इसके अलावा बच्चों को लगातार पांच-छह घंटे तक नहीं पढ़ना चाहिए। कई घंटों तक लगातार पढ़ने से दिमाग तो थक ही जाता है, साथ ही उसकी क्षमता पर भी दबाव पड़ता है और वह अपनी क्षमता के अनुसार काम नहीं कर पाता।
बच्चों को कोशिश करनी चाहिए कि दो घंटे पढ़ने के बाद करीब एक से दो घंटे का आराम लें और फिर दोबारा पढ़ने बैठें। ऐसा करने से न तो दिमाग में थकान महसूस होगी और न ही उसकी क्षमता कम होगी। उन्होंने कहा कि रिवीजन करने के बाद बच्चों को सभी विषयों के कम से कम दो या तीन सैंपल पेपर जरूर हल करने चाहिएं। इससे उन्हें काफी लाभ मिलेगा और उन्हें अपनी गति का भी अनुमान हो जाएगा।
छात्रों का अनुभव
आफताब ने कहा कि सबसे पहले बच्चों को अपने दिमाग से यह बात निकाल देनी चाहिए कि यह बोर्ड की परिक्षा है। बच्चों को बोर्ड की परीक्षाओं को स्कूल में होने वाली परीक्षाओं की तरह ही लेना चाहिए। साथ ही उन्हें अच्छे अंक हासिल करने के लिए टाइम टेबल बनाकर पढ़ना चाहिए।
कविता का कहना है कि परीक्षाओं में अच्छे अंक लाने का मूल मंत्र है नियमित पढ़ाई। नियमित पढ़ाई बहुत जरूरी है। नियमित पढ़ाई के साथ-साथ सही दिशा में पढ़ने से निश्चित तौर पर सभी विषयों में अच्छे अंक आएंगे। परिक्षाओं से पहले बच्चों को सैंपल पेपर भी हल करने चाहिएं।
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सोनू ने कहा कि परीक्षाओं से पहले के आखिरी तीन महीने बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इसलिए बच्चों को इस दौरान पूरी लगन से पढ़ना चाहिए। पूरा साल जो बच्चों ने पढ़ा है उसकी रिवीजन इन तीन महीनों में सबसे पहले करनी चाहिए। साथ ही उन्हें सभी विषयों का टाइम टेबल बनाकर पढ़ना चाहिए।
दीपक कहते हैं कि कुछ छात्र सोचते हैं कि जितनी ज्यादा देर तक वो पढ़ेंगे उनके अंक उतने ही अच्छे आएंगे। लेकिन ऐसा नहीं है। दीपक का मानना है कि अगर आप दिन में चार या पांच घंटे भी मन लगाकर पढ़ लें तो बड़ी आसानी से आप अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं।
प्रिया कहतीं हैं कि अच्छे अंक पाने के लिए रिवीजन सबसे ज्यादा जरूरी है। परिक्षाओं से दो-तीन महीने पहले बच्चों ने स्कूल में जो भी पढ़ा है उन्हें उसकी रिवीजन सबसे पहले करनी चाहिए। रिवीजन खत्म करने के बाद सभी विषयों के कम से कम पांच सैंपल पेपर हल करने से यकीनन अंक अच्छे आएंगे।
गयूर कहते हैं कि अच्छे अंक लाने के लिए यह बहुत जरूरी है कि बच्चें सही दिशा एवं टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई करें। सभी विषयों का टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई शुरू करें। सही टाइम टेबल और सही दिशा में पढ़ने से निश्चित तौर पर अंक अच्छे आएंगे।
आरती ने कहा कि हर बच्चे का पढ़ाई करने का अपना एक अलग तरीका होता है और उसे अपने तरीके से ही पढ़ाई करनी चाहिए। कुछ बच्चे क्लास में होशियार बच्चों के पढ़ाई करने के तरीके की नकल करते हैं।
सुमित कहते हैं कि देर रात तक जागकर पढ़ाई करने के बजाय सुबह के समय पढ़ाई करें। सुबह के समय दिमाग पूरे दिन के मुकाबले ज्यादा गति से काम करता है। रात को जागकर पढ़ाई करने से दिमाग में थकान होती है। जिसकी वजह से बच्चे जो पढ़ते हैं वो उन्हें ज्यादा दिनों तक याद नहीं रहता।
सारिका कहती हैं कि परीक्षाओं से दो महीने पहले बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ रोजाना किसी भी एक विषय का सैंपल पेपर हल करना चाहिए। बच्चे जितने ज्यादा सैंपल पेपर हल कर सकें उन्हें उतना ही लाभ होगा।
वहीं स्पोर्ट्स टीचर धर्मेन्द्र सिंह का कहना है कि पढ़ाई के साथ-साथ खेल भी बच्चों के लिए बहुत जरूरी है।