ऐसा करें कि बने आपकी पहचान

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अक्‍सर लोग ऑफिस या कंपनी में अपने कार्य से अपनी पहचान नहीं बना पाते। जिस पद पर रहते हैं, उससे ऊंचा पद पाने की कोशिश ही नहीं करते। सफलता के लिए संघर्ष करने का जज्बा उनके मन में नहीं रहता।

वह सब कुछ उस बाज के बच्चे की तरह है जो जीवन भर मुर्गी के बच्चों के बीच अपनी पहचान की तलाश करता रहा। एक बाज का अंडा मुर्गी के अंडों के बीच आ गया। कुछ दिनों बाद उन अंडों में से चूजे निकले। बाज का बच्चा भी मुर्गी के उन चूजों के साथ बड़ा होने लगा। उसका व्यवहार भी मुर्गी के बच्चों की तरह हो गया।

वह भी मुर्गी के बच्चों जितना ही उड़ पाता। थोड़ी देर उड़ने के बाद पंख फड़फड़ाते हुए नीचे आ जाता। बाज के बच्चे ने एक दिन एक पक्ष‍ी को आकाश में उड़ते देखा। उसने मुर्गी के चूजों से पूछा कि यह कौनसा पक्षी है जो इतनी ऊंचाई पर उड़ रहा है।

तब चूजों ने उसे बताया कि वह पक्षियों का राजा बाज है। वह बहुत ताकतवर और विशाल होता है। तुम आकाश में उड़ नहीं सकते क्योंकि तुम एक चूजे हो। बाज के बच्चे ने भी उन चूजों की बातें सच मान कभी ऊंचा उड़ने की कोशिश नहीं की।

वह जिंदगी भर अपनी असली पहचान को नहीं जान पाया और मर गया। ऐसी परिस्थितियां हमारे साथ न बने, इसके लिए आवश्यक है कि अपने कार्य में परफेक्शन लाएं। रिस्क लें। हमेशा कुछ नया करने की कोशिश करें, तभी तो हमें पहचान मिलेगी और साथ ही हमारी उन्नति के रास्ते भी खुलेंगे।

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