डायटीशियन : अपार संभावनाएँ

मौजूदा वक्त में डायटीशियन के पेशे में अपार संभावनाएँ हैं, क्योंकि लोग अपनी सेहत को लेकर बहुत सजग हो रहे हैं। युवतियों के लिए यह एक बेहतरीन करियर विकल्प है, क्योंकि आय के साथ-साथ उन्हें अपने परिवार के साथ भी समय बिताने का मौका मिल जाता है।

किसी समय में यह महिलाओं एवं युवतियों का ही कार्यक्षेत्र माना जाता था, लेकिन अब पुरुष भी इस करियर में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इन दिनों फिटनेस सेंटर, हेल्थ क्लबों और स्पा के प्रति सभी वर्गों का रुझान बढ़ा है। इन सेंटरों पर डायटीशियन फिटनेस स्तर को बनाए रखने के लिए डाइट (आहार संबंधी) परामर्श देने के लिए नियुक्त किए जाते हैं।

सरकारी एजेंसियों में अवसर
डायटीशियंस के लिए ऐसी सरकारी और गैरसरकारी एजेंसियों के दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं, जो संतुलित आहार लेने और कुपोषण पर काम कर रही हैं। अस्पतालों और क्लिनिकों के अलावा डायटीशियन रक्षा प्रतिष्ठानों, शिक्षण संस्थानों, हॉस्टल और कंपनियों या फैक्ट्रियों में चलने वाली बड़ी-बड़ी कैंटीनों में काम कर सकते हैं।

वहाँ उन्हें दिए गए एक निश्चित बजट के भीतर स्वादिष्ट, पौष्टिक व संतुलित भोजन कैसे बन सकता है, इसकी जानकारी प्रदान करनी होती है। फिटनेस सेंटर जहाँ खिलाड़ी, मॉडल या फिट रहने के इच्छुक लोग जाते हैं, वहाँ भी डायटीशियनों की बहुत जरूरत होती है।

फ्रीलांसर राइटर
डायटीशियन एक फ्रीलांसर या राइटर के तौर पर भी रोजगार अर्जित कर सकता है। अगर आप में लिखने की प्रतिभा है, तो आप इस विषय पर पुस्तकें लिख सकते हैं, किसी अखबार में कालम लिख सकते हैं या पौष्टिकता से भरपूर पकवानों के बारे में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर जानकारी दे सकते हैं।

वेतन
मौजूदा वक्त में डायटीशियनों को बहुत अच्छा वेतन मिल रहा है। किसी हैल्थ क्लब या स्पा सेंटर पर पार्ट टाइम काम कर प्रतिमाह दस से 25 हजार रुपए तक कमाए जा सकते हैं। बड़े अस्पतालों तथा नर्सिंग होम्स में भी 25 हजार रुपए मासिक से शुरुआत होती है। यदि आप अपना स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ करते हैं तो मनचाहा पारिश्रमिक प्राप्त किया जा सकता है।

शोध भी विकल्प
गोकुलदास अस्पताल एवं अनुसंधान संस्थान (इंदौर) में बतौर डायटीशियन कार्यरत कविता कुरापा के मुताबिक इस पेशे से जु़ड़ा एक अन्य विकल्प शोध कार्य भी है। उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र यूनिसेफ और विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के अलावा मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन आने वाले संगठन तथा राष्ट्रीय पोषण विज्ञान संस्थान भी इनकी सेवाएँ लेते हैं।

बतौर शिक्षक भी कार्य किया जा सकता है। बड़े पैमाने पर डिब्बा बंद भोज्य पदार्थों का उत्पादन और प्रोसेसिंग करने वाले उद्योगों में भी डायटीशियन को रखा जाता है।

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