देशभर में करोड़ों की फीस और छात्रों का भविष्य खतरे में
जयपुर से नागपुर तक कई शहरों में सेंटर के खिलाफ प्रदर्शन
जांच एजेंसियों की नजर कोचिंग के बैंक खातों पर
उत्तर प्रदेश में 2 करोड़ की ठगी का मामला दर्ज
देश के एक प्रतिष्ठित कोचिंग सेंटर फिट्जी का एक नया स्कैम सामने आया है। खबर आ रही है कि यह कोचिंग सेंटर देश के कई शहरों में अपने सेंटर्स पर ताला लगाकर गायब हो गया है। जयपुर, नागपुर, इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर समेत कई शहरों से फिट्जी के सेंटर बंद होने की खबर आ रही है।
कहा जा रहा है कि इसके लिए सेंटर को जबाबदार ठहराया जा रहा है कि वो प्रॉफिट नहीं कमा पा रहे। रिपोर्ट के मुताबिक कई शहरों में उन बच्चों के अभिभावक फिट्जी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं जिनके बच्चे इसके सेंटर में स्टडी करते थे।
क्या है मामला : कई सेंटर से खबरें हैं कि उनके स्टाफ और टीचर्स को वेतन नहीं मिल रहा है। कहा जा रहा है कि करीब 4 महीनों से वेतन नहीं आया है। इसके चलते टीचर्स कोचिंग छोड़कर चले गए हैं। फिट्जी का हैड ऑफिस दिल्ली में है और वहीं से सभी का वेतन आदि आता है। कर्मचारी कई बार फोन और ईमेल कर चुके हैं, लेकिन जवाब नहीं मिला है।
इंदौर में जनसुनवाई में सामने आया था मामला : इंदौर में भी यही हाल है। यहां फिट्जी कोचिंग के दो सेंटर हैं। लेकिन एडवॉन्स फीस लेने के बाद भी यहां कोचिंग सेंटर में पढाया नहीं जा रहा है। कई स्टूडेंट परेशान हैं। स्टाफ को लंबे समय से वेतन नहीं मिला है। कई बार हेड ऑफिस में संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। बता दें कि पिछले दिनों कलेक्टर जनसुनवाई में बड़ी संख्या में छात्रों के अभिभावक पहुंचे जहां फिटजी (FIITJEE) को लेकर छात्रों के पैरेंट्स ने गंभीर आरोप लगाए हैं। शहर में फिटजी की 3 ब्रांचों में क्लासेस अचानक बंद हो गई हैं।
नागपुर में सड़कों पर उतरे अभिभावक : फिट्जी ट्यूशन क्लॉसेस नागपुर ब्रांच के पदाधिकारियों कहना है कि फीट्जी का हेड ऑफिस दिल्ली में है। वहीं से ही पिछले दो महीने से शिक्षकों को पेमेंट नहीं मिला है। नागपुर में करीब 30 शिक्षक पढ़ाते हैं। उनमें से फिलहाल 10 से 12 शिक्षक पढ़ाने नहीं आ रहे हैं। उन्होंने नौकरी छोड दी है। पिछले दो महीने से मैथेमेटिक्स, फिजिक्स, केमेस्ट्री जैसे विषय पढ़ाने वाले शिक्षकों ने नौकरी छोड़ दी है। इससे एक और दो महीनों से नियमित क्लासेस नहीं हो रही है, वहीं दूसरी ओर लाखों की फीस देने के बाद भी छात्रों को नियमित ट्यूशन से वंचित रहना पड़ रहा है।
जयपुर में फुटा गुस्सा, प्रदर्शन : जयपुर से भी इसी तरह की खबर आ रही है। यहां सैकड़ों स्टूडेंट्स से कोचिंग के नाम पर बच्चों से मोटी फीस एडवांस में ले ली। इसके बाद कोचिंग सेंटर पर ताला लगा दिया। मामला कोचिंग इंस्टीट्यूट के जयपुर सेंटर का है। जयपुर के जवाहर लाल नेहरू मार्ग पर यह कोचिंग सेंटर स्थित है। इस सेंटर के सामने शनिवार को दर्जनों छात्रों के अभिभावकों ने प्रदर्शन किया। अभिभावकों का कहना है कि मोटी फीस एडवांस वसूलने के बाद भी कोचिंग इंस्टीट्यूट ने क्लास नहीं लगाई। पहले ऑनलाइन और फिर ऑफलाइन क्लास लगाने का झांसा देते रहे। जब कई दिन तक कक्षाएं नहीं लगी तो अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा। अब वहां कोचिंग के खिलाफ प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में ठगी का मामला दर्ज : उत्तर प्रदेश में फिट्जी के एमडी पर 2 करोड़ की ठगी का मामला दर्ज किया गया है। यहां सैकड़ों अभिभावक व छात्र-छात्राओं विरोध प्रदर्शन किया है। करीब एक सप्ताह के बाद नियमित क्लास शुरू नहीं हो सकी है। यह पूरा मामला तब सामने आया जब सेंटर के एक टीचर ने सोशल मीडिया ग्रुप में लिखा कि वह भुगतान नहीं मिलने के कारण कोचिंग सेंटर छोड़ रहे हैं। उसके बाद ही सेंटर बंद कर दिया गया। रविवार सुबह कोचिंग करने आए छात्रों को पता चला कि कोचिंग सेंटर बंद है।
कौन है संस्थापक डीके गोयल : डीके गोयल FIIT JEE के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। आईआईटी-दिल्ली के पूर्व छात्र, उन्होंने 1992 में FIIT JEE की स्थापना की, जो IIT-JEE के लिए एक बड़ा मंच माना जाता रहा है। इस कोचिंग से आईआईटी जेईई को पास करने वाले और टैंक बनाने वाले छात्र भी निकले हैं।
कितने सेंटर और स्कूल : बता दें कि फिट्जी के देशभर में 73 स्टडी सेंटर, 2 फिट्जी ग्लोबल स्कूल, 6 फिट्जी वर्ल्ड स्कूल, 49 एसोसिएट स्कूल है। बता दें कि फिट्जी के देशभर आईआईटी जेईई परीक्षा की तैयारी करवाती है।
कोचिंग के 3 खाते फ्रीज : जानकारी सामने आ रही है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है। जांच पड़ताल में पुलिस को कोचिंग के तीन बैंक खातों के बारे में पता चला। यह खाते मुंबई स्थित एक्सिस बैंक शाखा में खोले गए हैं। फिलहाल बैंक अफसरों से पत्राचार करते हुए तीनों ही खातों को फ्रीज करा दिया गया है। इनमें कितनी रकम जमा है, इसका पता फिलहाल नहीं चल सका है।
Edited by Navin Rangiyal