आईटी, आईटीईज में प्‍लेसमेंट की बहार

- आशुतोष वर्मा

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वर्ष 2009 में चौतरफा कंपनियाँ लोगों को नौकरियों से बाहर निकालने के लिए अमादा थीं। अब 2010 में वहीं कंपनियों लोगों की बहाली करने पर उतारू हैं। अब लोगों को अपनी योग्यता और क्षमता के अनुरूप नौकरियाँ मिलनी शुरू हो गई हैं और साल के अंत तक विभिन्न क्षेत्रों में नियुक्ति संख्या में भारी इजाफा देखने को मिलेगा।

आईटी और आईटीईज क्षेत्र उन चुनिंदा क्षेत्रों में हैं जो 2010 के अंत तक नौकरियों की बहाली करेगी। प्रत्येक देश में वैश्विक प्रतिस्पर्धा है, इसीलिए आईटी क्षेत्रों की रफ्तार बढ़ रही है और आने वाले वर्षों में नौकरियों के ज्यादा से ज्यादा मौके प्रदान कर रही है।

आईटी एवं आईटीईज क्षेत्र में बीपीओ (बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग ), केपीओ (नॉलेज प्रोसेस आउटसोर्सिंग), एलपीओ (लीगल प्रोसेस आउटसोर्सिंग) आदि शामिल हैं।

कंसलटेंसी फर्म मैनपावर के मुताबिक, बीपीओ आज के युग में सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ने वाला उद्योग बन गया है। उम्मीद की जा रही है कि 2010 के अंत तक इसमें कर्मचारियों की संख्या 2,30,000 तक पहुँच जाएगी।

ज्यादातर बीपीओ कंपनियाँ टीयर-2 और टीयर-3 शहरों का रुख कर रही हैं। इसकी वजह टीयर-1 शहरों में जमीन के किराए की बढ़ती कीमत, लोगों द्वारा भारी वेतन की मांग आदि है। बीपीओ के बाद केपीओ का बाजार तेजी से आगे आ रहा है। केपीओ 10 से 12 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।

उम्मीद जताई जा रही है कि यह क्षेत्र भारत में 2,50,000 लोगों के लिए नौकरी के अवसर मुहैया कराएगा। माना जा रहा है कि केपीओ देश के प्रतिभाशाली युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराएगा। एलपीओ का बाजार भारत में अभी पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ। इसके बावजूद उम्मीद है कि 2015 तक केपीओ 79000 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराएगा।

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