अगर आपमें सेवाभाव है और लीग से हटकर कुछ करने की चाह है तो यह करियर विकल्प आपके लिए ही है। फिलहाल पूरे विश्व को ऐसे समाज सेवकों की जरूरत है जो जागरूक हों और जिनमें नि:स्वार्थ सेवा करने की भावना हो।
अगर इस क्षेत्र की ओर आप अपने कदम बढ़ाना चाहते हैं तो बहुत से ऐसे केंद्र हैं, जहां ड्रग्स की लत से पीड़ित लोगों को नए जीवन की राह पर लाया जाता है, बहुत से अनाथ आश्रम, काउंसलिंग सेंटर आदि हैं जहां से आप इस नेक काम की शुरुआत कर सकते हैं। इसके साथ ही आप किसी एनजीओ के साथ भी कार्य कर सकते हैं।
इस क्षेत्र में कार्य करने के लिए किसी खास डिग्री का होना जरूरी नहीं। फिर भी आप चाहें तो सोशल वेलफेयर में मास्टर डिग्री ले सकते हैं। इसके साथ ही इस क्षेत्र में कार्य करने के लिए किए जाने वाले कोर्स हैं-
बीएसडब्ल्यू या सोशल वर्क में बीए, जो कि 3 साल का कोर्स है। इस कोर्स के लिए 12वीं उत्तीर्ण होना जरूरी है।
एमएसडब्ल्यू या सोशल वर्क में एमए, यह 2 साल का कोर्स है जिसके लिए स्नातक डिग्री होना जरूरी है। इन कोर्स के साथ ही आप इस क्षेत्र में एम.फिल या पीएचडी भी कर सकते हैं।
भारत के कुछ प्रमुख संस्थान जो इस तरह के कोर्स का संचालन करते हैं-
-इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल वेलफेयर एंड बिजनेस मैनेजमेंट, कोलकाता। - टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुंबई। - डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस। - दिल्ली विश्वविद्यालय। - राजस्थान विश्वविद्यालय। - मुंबई विश्वविद्यालय।