कॉमनवेल्थ गेम्स और आतंकी संगठनों की धमकियों के चलते राजधानी में एकाएक प्रशिक्षित सुरक्षा कर्मियों की माँग बढ़ गई। 25 हजार से ज्यादा निजी सुरक्षा कर्मी तो केवल रामलीलाओं में लगे हुए हैं। बाकी राजधानी के प्रमुख बाजारों और व्यावसायिक केंद्रों में लगाने पड़े हैं।
मुंबई में 26/11 के आतंकी हमले के बाद पहले से ही निजी संस्थानों के लिए विधिवत प्रशिक्षित सुरक्षा कर्मियों की जरूरत महसूस की जा रही है।
खेलों के कारण विभिन्न बाजारों में पुलिस को सख्ती करनी पड़ी जिससे विभिन्न बाजारों में व्यापारिक गतिविधियां भी प्रभावित हुई हैं। इस तरह की घटनाओं ने निजी सुरक्षा क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएँ बढ़ाई हैं। बेरोजगार युवा इस क्षेत्र में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स कर अपने लिए रोजगार का रास्ता आसान कर सकते हैं।
देश के विभिन्न बड़े-छोटे शहरों में सुरक्षा एजेंसियों के कार्यालय खुल गए हैं। फिर भी प्रशिक्षित सुरक्षा कर्मियों की भारी कमी आज भी महसूस की जा रही है। सुरक्षा कंपनियों से जुड़े अंतरराष्ट्रीय संगठन के अध्यक्ष अनिल धवन के मुताबिक देश में 18 से 20 हजार सिक्योरिटी कंपनियाँ काम कर रही हैं।
इनके माध्यम से 60 लाख से ज्यादा सुरक्षा गार्ड विभिन्न संस्थानों में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं। इसने अब उद्योग की शक्ल अख्तियार कर ली है और 25 फीसदी सालाना की दर से तेजी से बढ़ रहा है। कोर्स करें और आगे बढ़ें वरिष्ठ रोजगार सलाहकार आर एस नेहरा का कहना है कि सुरक्षा क्षेत्र में रोजगार पाने के लिए कोई भी कोर्स बेहद मददगार साबित हो सकता है। किसी भी सिक्योरिटी एजेंसी में सुरक्षाकर्मी का काम पाने के लिए कई तरह के डिप्लोमा कोर्स मौजूद हैं। सर्टिफिकेट कोर्स में प्रवेश के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 10 वीं पास है।
एडवांस सर्टिफिकेट कोर्स के लिए बारहवीं और डिप्लोमा कोर्स के लिए किन्हीं विषयों में स्नातक होना जरूरी है। सर्टिफिकेट कोर्स छह माह से दो से सात और डिप्लोमा कोर्स एक से चार साल तक का होता है। कोर्स के बाद किसी भी अच्छी सिक्योरिटी कंपनी में अच्छी नौकरी पाई जा सकती है।
शुरुआत में छह से 10 हजार रुपए मासिक वेतन मिल सकता है। अच्छे कार्य प्रदर्शन पर सिक्योरिटी सुपरवाइजर और सिक्योरिटी मैनेजर बन सकते हैं। ऐसे में वेतन भी 20 से 30 हजार रुपए मासिक तक हो सकता है। हर जगह है निजी सुरक्षा कर्मियों की उपस्थिति मॉल्स, मल्टीप्लेक्स, बड़े बाजार, आवासीय सोसायटी, व्यापारिक व औद्योगिक प्रतिष्ठान सहित बहुत सी जगह सुरक्षा की जिम्मेदारी निजी सुरक्षा गार्डों के ऊपर है। सिक्योरिटी एजेंसी से जुड़कर सुरक्षा का जिम्मा संभालने के लिए अब प्रशिक्षण को कानूनी अनिवार्यता बना दिया गया है।
भारतीय निजी सुरक्षा एजेंसीस रेगुलेशन एक्ट-2005 के तहत सिक्योरिटी एजेंसी स्थापित करने के लिए कड़े मानदंड तय किए गए हैं। कहाँ से करें कोर्स 1. इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, मैदान गढ़ी, नई दिल्ली-68