होटल मैनेजमेंट में भविष्य

- पूनम

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देश में पर्यटन व्यवसाय की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। जाहिर है यह क्षेत्र सीधे तौर पर होटल मैनेजमेंट से जुड़ा है। अतः इस क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएँ हैं। आकर्षक व्यक्तित्व, अंग्रेजी और दूसरी भाषाओं पर ठीक-ठाक पकड़ हो तो रास्ता और भी आसान हो जाता है। आत्मविश्वास और काम को जल्द से जल्द निपटाने की चाहत जैसे व्यक्तिगत गुण होटल मैनेजमेंट में अपना भविष्य सुरक्षित करने में सहायक माने जाते हैं।

होटल उद्योग के विकास में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है। पर्यटन मंत्रालय के आंकेड़े बताते हैं कि बीते साल भारत में विदेशों से 41 लाख पर्यटक आए। जाहिर है सभी बड़े या सितारा होटलों में नहीं ठहरते। इसलिए छोटे यानी बजट होटल भी अपने आपको इस स्तर का बनाने लगे हैं। तो जाहिर है कि इनमें भी प्रशिक्षित कर्मियों की कमी है और इसी के चलते नए लोगों के लिए रोजगार की अपार संभावनाएँ भी।

कुछ महीने बाद दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेल होने हैं। इस दौरान विदेशी सैलानियों की संख्या पिछले वर्गों के मुकाबले ज्यादा होगी। आगे भी इस संख्या में ठीक ठाक इजाफा होने के पूरे आसार हैं। इसलिए नए लोगों को होटल मैनेजमेंट के क्षेत्र में अपने पैर जमाने के पूरे अवसर हैं। चमक-दमक और पैसे वाले इस रोजगार में तरी की सबसे ज्यादा संभावनाएं हैं।

दिल्ली होटल एंड रैस्टोरेंट ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप खंडेलवाल बताते हैं कि प्रशिक्षित कर्मियों की बजट होटलों में बेहद कमी है। कारण है कि ज्यादातर लोग पांच सितारा होटलों में ही रोजगार की तलाश करते हैं। दिल्ली में हजारों बजट होटल हैं। पहाड़गंज, करोलबाग और महिपालपुर इलाकों में सितारा होटलों के स्तर के सैकड़ों होटल हैं।

यहाँ ज्यादातर विदेशी मेहमान ही ठहरते हैं। यदि होटल मैनेजमेंट करने वाले युवा चाहें तो यहां भी रोजगार पा सकते हैं। करियर काउंसलर भारत गुप्ता बताते हैं कि दिल्ली में नेशनल काउंसिल फॉर होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नॉलॉजी- पूसा कॉम्पलैक्स, इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी-मैदानगढ़ी, गुरू गोविंद सिंह इन्द्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी-कश्मीरी गेट जैसे सरकारी संस्थानों से होटल मैनेजमेंट का तीन वर्षीय डिग्री कोर्स किया जा सकता है।

इस क्षेत्र में कई निजी संस्थान भी रोजगार परक शिक्षा के क्षेत्र में आगे आए हैं। फिलहाल होटल मैनेजमेंट के लिए दाखिलों का दौर चल रहा है।

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