Career Opportunity in Public Relations : पीआर में करियर शानदार

डॉ. संदीप भट्ट

मंगलवार, 7 दिसंबर 2021 (15:11 IST)
21वीं सदी में पब्लिक रिलेशंस, करियर का एक चमचमाता क्षेत्र है। किसी सरकारी, गैर-सरकारी या सार्वजनिक संस्था या संगठन के लक्षित जनमानस के बीच संपर्क, संवाद और संबधों के सतत प्रयास जनसंपर्क याने पब्लिक रिलेशंस कहलाते हैं। आज पब्लिक रिलेशंस के अंर्तगत जनसंपर्क के प्रचलित तौर-तरीकों लेकर कार्पोरेट कम्युनिकेशंस रिसर्च और ई-पीआर जैसे नए आयाम जुड़ गए हैं। ग्लोबलाइजेशन या वैश्वीकरण के बाद पब्लिक रिलेशंस की अहमियत और बढ़ने से पूरी दुनिया में इस सेक्टर में शानदान करियर की नई राहें खुली हैं। अनुमान है कि साल 2020 में वैश्विक जनसंपर्क बाजार 88.13 बिलियन डॉलर का था जिसके 2025 तक बढ़कर 1297.35 बिलियन डॉलर तक  होने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि पब्लिक रिलेशंस के बाजार में लगभग 7 प्रतिशत की सालाना बढ़त बनी रहेगी। तो अगर बात बेहतर करियर की हो पीआर या जनसंपर्क आज भी युवाओं की पसंद का क्षेत्र बना हुआ है।

       पिछले लगभग दो वर्षों में दुनियाभर के लोगों ने महामारी को देखा है। लंबे लाकडाउन और अनिश्चिताओं ने लगभग हर तरह के बिजनेस और प्रोफेशन को बुरी तरह से प्रभावित किया है। लेकिन कोविड की बंदी और मंदी के दौरान और उसके बाद जनसंपर्क का महत्व और बढ़ गया है। बिजनेस या कामकाज किसी भी तरह का हो उसमें जनसंपर्क की अहमियत कई गुना बढ़ गई है। पब्लिक रिलेशंस के बढ़ते क्षेत्र को इस बात से भी समझा जा सकता है कि आज देश के तमाम छोटे शहरों में चल रहे हास्पिटल, स्कूल, एनजीओ और अन्य संस्थाएं भी फुल टाइम पीआरओ नियक्त कर रही हैं। औद्योगिक विकास के कारण बड़ी सीमेंट, कैमिकल या पावर प्रोडक्शन कंपनियां छोटे शहरों के आसपास भी विकसित हो रही हैं। रीटेलर्स भी कस्बों का रूख कर वहां नई संभावनाएं तलाश रहे हैं। इस कारण से तमाम कार्पोरेट कंपनियों में भी इन इलाकों की विशेष समझ रखने वाले पीआर प्रोफेशनल्स की डिमांड बढ़ गई है। बिजनेस सेक्टर में इतनी कड़ी प्रतिस्पर्द्धा बढ़ गई है कि आज हर संस्था अपने लक्ष्य जनसमुदाय को खुद के साथ जोड़े रखना चाहती है।

    तो अहम सवाल यह है कि महामारी के आने के बाद इस हम बदलते वक्त में खुद को पब्लिक रिलेशंस के करियर के लिए कैसे तैयार करें। दरअसल हमें इस आपदा के वक्त अपनी ऑडियंस और उसकी आवश्यकताओं तथा व्यवहार की समझ विकसित करनी होगी। हमें एक जनसंपर्क पेशेवर के बतौर यह समझना आवश्यक होगा कि इस संकट की घड़ी के बाद समाज में क्या व्यापक परिवर्तन आये हैं। अगर हम किसी संस्था या संगठन के लिए पीआर का काम कर रहे हैं तो यह जानना बेहद आवश्यक है कि उस संस्था से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए उससे लोग क्या उम्मीदें रखते हैं। वे क्या चाहते हैं। उनसे हर तरह से कनेक्ट रहना आज पीआर की दुनिया में सफलता का प्रमुख मंत्र है।

दुनियाभर में दिग्गज कंपनियों को कार्पोरेट रिलेशंस, बिजनेस डेवलपमेंट, ब्रांड इमेज बनाने और उसे निरंतर रखने के लिए पब्लिक रिलेशंस पर बहुत खर्च करना पड़ रहा है। ज्यादातर बड़ी कार्पोरेट कंपनियां में उनका अपना फुलटाइम पीआर सेटअप होता है। इसके साथ ही जरूरत पड़ने पर वे पीआर एजेंसियों की मदद भी  लेते हैं। इन सब कवायदों का एक ही उद्देश्य है कि कंपनी की अच्छी और मजबूत साख आमजन मानस के बीच बनी रहे। कोविड महामारी के बाद पीआर सेक्टर में अच्छे पेशेवर लोगों की डिमांड बढ़ी है। इसलिए अगर आप पब्लिक रिलेशंस में करियर की संभावनाएं तलाश रहे हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखें-




 कम्युनिकेशन या पीआर में ग्रेजुएशन या पीजी करना बेहतर- पीआर सेक्टर में काम के लिए मीडिया के किसी भी फील्ड में डिग्री या डिप्लोमा करना बेहतर होता है। अगर आप पीआर या कम्युनिकेशन में ही ग्रेजुएशन करते हैं तो इससे पीआर क्षेत्र के बारे में आपकी बुनियादी समझ विकसित होती है। कोर्स करने के दौरान पीआर एजेंसी या किसी अन्य संस्थान में इंटर्नशिप आदि करने से आपका अनुभव बढ़ता हैं।


संपर्क ही सफलता की कुंजी हैं- तलाशें अच्छे पीआर प्रोफेशनल्स के लिए संपर्कों का बहुत महत्व है। याद रखिए कि अच्छे संपर्क ही जनसंपर्क के क्षेत्र में सफलता की असली कुंजी हैं। जनसंपर्क के क्षेत्र में रूचि रखने वाले लोगों को हमेशा ही संपर्क निर्माण और उन्हें सतत बनाये रखने का प्रयास करना चाहिए। अगर आप पीआर सेक्टर में करियर तलाश रहे हैं तो आपके लिए भी यह फार्मूला बेहद कारगर होगा।


प्रोफेशनल संस्थाओं से जुड़ें- पब्लिक रिलेशंस या कार्पोरेट कम्युनिकेटर्स की कई प्रोफेशनल संस्थाएं समय.समय पर अनेक आयोजन करती हैं। पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी आफ इंडिया, पब्लिक रिलेशंस काउंसिल आफ इंडिया ;पीआरएसआई या इंटरनेशनल पब्लिक रिलेशंन एसोसिएशन जैसी संस्थाओं की मेंबरशिप लेना बेहतर होगा। इन संस्थाओं के सदस्य पीआर प्रोफेशनल्स ही होते हैं इसलिए उनसे मिलने और उनके अनुभवों से सीखने के लिए भी ऐसे संगठनों से जुड़ना बेहतर होता है।

बदलती तकनीकों के साथ कदमताल कर चलें- पीआर सेक्टर में तकनीक का दखल बहुत हद तक बढ़ गया है। आज त्वरित संचार और संवाद के लिए इंटरनेट और नए मीडिया का इस्तेमाल आना बहुत जरूरी है। कोविड काल में वर्क फ्राम होम का विचार सूचना और संचार की तकनीक की वजह से ही साकार हो पाया। इसलिए पब्लिक रिलेशंस के फील्ड में खुद को स्थापित करने के लिए तकनीकें सीखना और उनके साथ कदम मिलाते हुए चलना बहुत मददगार हो सकता है।




सतत संवाद से लोगों से कनेक्ट रखें- पब्लिक रिलेशंस के सेक्टर में सबसे अहम है पब्लिक। अपने संगठन या संस्था की टारगेट पब्लिक याने लक्षित जनमानस से लगातार संवाद और कनेक्ट बनाए रखना बहुत जरूरी है। पीआर प्रोफेशनल्स को अपनी ऑडियंस से सतत जुड़े रहकर उनकी बातें, फीडबैक, ससमस्याएं और सवाल बहुत ध्यान से सुनना चाहिए। इसके साथ ही अपने संस्थान की महत्वपूर्ण और साझा की जा सकने वाली हर जरूरी सूचना बेहतर ढंग से उन तक पहुंचानी चाहिए।


लिखने पढ़ने के कौशल को बढ़ाएं- जनसंपर्क में लेखन कौशल बहुत काम आता है। रिर्पोट, प्रेस रिलीज लिखना, हाउस जर्नल का प्रकाशन करना आदि सभी पीआर प्रोफेशन से जुड़े काम हैं। इसलिए अपनी राइटिंग स्किल्स को सुधारना बहुत ही जरूरी है। पढ़ने की आदत से हमें नई जानकारियां मिलती हैं और हमारी भाषा में भी सम्मपन्नता आती है। इसलिए पीआर में करियर शुरू करने के लिए लिखने-पढ़ने की आदत को विकसित करें।


कैसे शुरू करें करियर- जहां तक पीआर सेक्टर में नौकरी शुरू करने की बात है तो यहां ध्यान देना आवश्यक है कि अनेक संस्थाएं जनसंपर्क अधिकारी के पदों पर समय-समय पर भर्ती करती हैं। समाचार पत्रों और इंटरनेट पर खोज कर आप इस तरह की सूचनाएं देखकर आवेदन कर सकते हैं। इसके  साथ ही सरकारी तथा गैर सरकारी संगठनों, एनजीओ आदि में भी पीआरओ, कम्युनिकेशन आफिसर के पदों पर नौकरियां निकलती रहती हैं। अपना अपडेटेड सीवी तैयार रखें और करियर से जुड़ी वेबसाइट आदि पर भी अकाउंट बनाकर रखें। बहुत से संस्थान आनलाइन वेबसाइट्स आदि के जरिये ही सही कैंडिडेट्स के प्रोफाइल्स देखकर उनसे सीधा संपर्क करते हैं। पीआर एजेंसियों में भी संभावनाएं तलाशें। लगातार सर्च करते रहें और अगर आपको मालूम होता है कि किसी संस्था में जनसंपर्क से जुड़ी कोई करियर की संभावना हो सकती हैं तो आप खुद भी वहां संपर्क कर सकते हैं। कई बार पीआरएसआई जैसी प्रोफेशनल संगठनों की सदस्यता वाले सोशल मीडिया ग्रुप्स में भी आपको करियर की कोई लिंक मिल सकती है।


अगर आप नौकरी नहीं करना चाहते तो फ्रीलांस पब्लिसिस्ट या स्वतंत्र जनसंपर्क सलाहकार बतौर भी काम कर सकते हैं। इन दिनों राजनेता] एनजीओ] तथा अन्य कई संस्थाएं जनसंपर्क सलाहकारों को नियुक्त करती हैं। एक बार करियर की शुरूआत करने के बाद  लगातार सीखते रहें। कोविड के बाद जनसंपर्क के क्षेत्र में कुशल लोगों की मांग और बढ़ गई है। इसलिए अगर आप एक बेहतर करियर की तलाश में हैं तो पब्लिक रिलेशंस एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
 

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