मूर्तिकला में भी बन सकता है करियर

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अपनी रुचि को करियर के रूप अगर हम चुनें तो उसमें हम सफल भी हो सकते हैं। कई युवा की रुचि मूर्ति कला में होती है। मूर्तिकला शिल्प की एक प्राचीन विधा है। मूर्तिकार अपनी कल्पना को साकार रूप देकर एक सुंदर कृति बनाता है।

मूर्तिकला एक करियर अवसर भी है। युवा इसे अपनी रुचि अनुसार करियर के रूप में चुन सकते हैं। वर्तमान में लोगों की रुचि मूर्ति कला की तरफ भी हो रही है। आजकल सीमेंट-क्रांकीट, सफेद तांबा, प्लास्टर ऑफ पेरिस व मिट्टी की मूर्तियां बनाई जाती हैं।

रेत पर भी सुंदर कृतियां उकेरी जाती है जिसे सैंड आर्ट कहते हैं। हमारे देश के सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन ने इस कला के माध्यम से पूरे विश्व में अपना नाम रोशन किया है। इसके अलावा मोम की प्रतिमाएं भी बनने लगी हैं।

मैडम तुस्साद और लंदन में उनका संग्रहालय ‍पूरे विश्व में मशहूर है जिनमें हर क्षेत्र की जानी-मानी हस्तियों की मोम की प्रतिमाएं बनी हैं। देश ही नहीं विदेशों में भी मूर्तिकारों के लिए रोजगारों के असीमित अवसर उपलब्ध हैं।

50 प्रश अकों के साथ 12वीं उत्तीर्ण करने के बाद बैचलर ऑफ फाइन आर्ट की डिग्री ली जा सकती है। एप्टिट्‍यूड टेस्ट में सफल होने के बाद ‍डिग्री कोर्स में प्रवेश मिलता है। बैचलर ऑफ फाइन आर्ट की डिग्री के बाद मास्टर डिग्री भी की जा सकती है। पर इसके लिए बैचलर डिग्री में 50 प्रश अंक जरूरी है।

मूर्तिकला का डिप्लोमा कोर्स भी किया जा सकता है, जो अनेक संस्थानों द्वारा चलाए जाते हैं। मूर्तिकला में एक्सपर्ट बन आप गवर्नमेंट अथवा प्राइवेल स्कूल में क्राफ्ट टीचर के रूप में भी कार्य कर सकते हैं।

विभिन्न संग्रहालयों में मूर्तियों के रखरखाव के लिए मूर्तिकारों को रखा जाता है। प्रसिद्धि मिलने पर स्वयं मूर्तियां बनाकर और बेचकर स्वयं का बिजनेस भी किया जा सकता है। आर्ट गैलरी भी खोल सकते हैं।

इन संस्थानों से आफ फाइन आर्ट का कोर्स कर सकते हैं-
- जेजे स्कूल ऑफ आर्ट, मुंबई।
- विश्व भारती विश्वविद्यालय, शांति निकेतन, पश्चिम बंगाल।
- कॉलेज ऑफ आर्ट, तिलक मार्ग, नई दिल्ली।
- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र, हरियाणा।
- इंदौर पब्लिक एकेडमी, इंदौर।
- फाइन आर्ट कॉलेज, एमजी रोड, इंदौर।
- एमएल बड़ौदा विश्वविद्यालय, बड़ौदा, गुजरात।

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