अब छोटे शहरों में बीपीओ बूम की बारी है। टीयर वन और टू शहरों के बाद बीपीओ कंपनियाँ अब टीयर थ्री शहरों में अपने पंख फैला रही हैं। अपने नेटवर्क के विस्तार और लो ऑपरेटिंग कॉस्ट की वजह से इस सेक्टर ने इन शहरों का रुख किया है। ज्यादातर कंपनियाँ बंगलोर, मुंबई और एनसीआर को टीयर वन लोकेशन मानती हैं, जबकि पुणे, कोलकाता और हैदराबाद को टीयर टू की लिस्ट में रखती हैं।
हालाँकि कई टीयर थ्री शहर आईटी और इससे जुड़ी सेवाओं के लोकेशन के लिए पूरी तरह फिट नहीं हैं। इसके बावजूद बीपीओ कंपनियाँ इन शहरों में दिलचस्पी दिखा रही हैं। दरअसल मेट्रो की तुलना में इन शहरों में कंपनियों की कॉस्ट 15-20 फीसदी कम होगी।
जेनपैक्ट के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट अशोक त्यागी कहते हैं कि संसाधनों की उपलब्धता और राज्य सरकारों के रिस्पॉन्स के अलावा कम कॉम्पीटिशन के कारण कंपनियों को ऐसे लोकेशंस लुभा रहे हैं। साथ ही यहाँ जॉब छोड़कर जाने वालों का प्रतिशत भी कम है। एचटीएमटी ग्लोबल सोल्यूशंस के सीईओ पार्थ डे सरकार के मुताबिक ये शहर बीपीओ बूम के नेक्स्ट फेज के प्रमुख सेंटर होंगे।
टीयर वन और टू शहरों के बाद बीपीओ कंपनियाँ अब टीयर थ्री शहरों में अपने पंख फैला रही हैं। अपने नेटवर्क के विस्तार और लो ऑपरेटिंग कॉस्ट की वजह से इस सेक्टर ने इन शहरों का रुख किया है। ज्यादातर कंपनियाँ बंगलोर, मुंबई और एनसीआर को टीयर वन लोकेशन मानती हैं
बीपीओ कंपनी फर्स्टसोर्स के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट (ऑपरेशंस) संजीव सिन्हा का कहना है कि इंदौर, जयपुर, भुवनेश्वर, कोयंबटूर जैसे टीयर थ्री शहर तेजी से अपना इंफ्रास्ट्रक्टर विकसित करने में जुटे हैं। फर्स्टसोर्स उन कंपनियों में शामिल है, जिन्होंने सबसे पहले थ्री टीयर शहरों में अपना ऑपरेशन शुरू किया था। कंपनी ने पांडिचेरी, हुबली, कोच्चि, विजयवाड़ा और इंदौर में अपना सेंटर खोला है। ये सेंटर डोमेस्टिक क्लाइंट के लिए स्थानीय भाषा में एक्सपर्ट की जरूरतों को भी पूरा करते हैं।
हालाँकि इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स इन शहरों के टैलेंट की क्वॉलिटी पर सवाल खड़े करते हैं। लेकिन फर्स्टसोर्स के मुताबिक मेट्रो और इन शहरों के टैलेंट में कोई खास फर्क नहीं होता है, क्योंकि मेट्रो में इस सेक्टर में काम करने वाले ज्यादातर लोग इन्हीं छोटे शहरोंसे आते हैं। जेनपैक्ट, इंफोसिस और फर्स्टसोर्स जैसी बीपीओ कंपनियों ने प्री ट्रेनिंग के लिए टीयर थ्री शहरों के कॉलेजों से समझौता किया है।