उलझन न बनाएँ करियर को

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जीवन की इस राह पर चलना आवश्यक है लेकिन पहला कदम रखते न रखते कई अनिश्चितताएँ हमें घेर लेती हैं। टाइम बम की तरह दिखने वाली ऐसी कुछ अनिश्चितताएँ असल में 'फुस्सी बम' निकलती हैं। इसलिए इस डर पर आत्मविश्वास से विजय पा लेना ही सबसे सही कदम है। करियर जिंदगी में घटने वाली सबसे अहम घटना है।

सच बात तो यह है कि करियर की सफलता और करियर की असफलता ही एक तरह से जिंदगी की सफलता और असफलता होती है। यही बात है कि करियर को लेकर हर युवा तनावग्रस्त रहता है। सिर्फ युवा ही क्यों, उसके माँ-बाप भी करियर को लेकर तनाव में रहते हैं। इस तनाव के कई कारण होते हैं। एक सबसे महत्वपूर्ण कारण वे कई उलझनें होती हैं जो अक्सर निराधार होती हैं। मगर उनके बारे में दिमाग में बनी कई आशंकाएँ परेशान किए रहती हैं।

कई बार इन आशंकाओं, इन उलझनों के चलते बड़े-बड़े नुकसान हो जाते हैं। पता चलता है कि जिस चीज को लेकर हम दिन-रात परेशान थे, उसमें परेशान होने की कोई बात ही नहीं थी। लेकिन तब तक चिड़िया खेत चुग चुकी होती है। इसलिए इन उलझनों से पहले ही सावधान रहें। यहाँ पेश हैं करियर को लेकर होनेवाली ऐसी ही कुछ उलझनें और उनके बारे में एक्सपर्ट की राय।

उलझन: क्या करियर की शुरुआत में सैलरी बारगेनिंग करनी चाहिए?

एक्सपर्ट की राय : जी हाँ, बिलकुल करनी चाहिए। दरअसल कई फ्रेशर्स की आदत होती है कि वे किसी भी सैलरी पैकेज पर काम करने को तैयार हो जाते हैं। इसका नतीजा यह होता है कि वे जिन सुविधाओं और फायदों के हकदार होते हैं, वे भी उन्हें नहीं मिलतीं। वास्तव में हर ऑर्गनाइजेशन में फ्रेशर्स के लिए एक उपयुक्त सैलरी तय होती है। अगर आप किसी भी सैलरी पैकेज पर काम करने को राजी हो जाते हैं तो इससे यह जाहिर होता है कि आपको नौकरी की सख्त जरूरत है। कुछ लोग इस बात का गलत फायदा उठाते हैं। इसलिए जब सैलरी की बात आए तो पहले एम्प्लॉयर को ही बोलने दें। जब वह अपनी बात कह दे, तो फिर अपनी तरफ से बारगेनिंग शुरू करें।

उलझन : मैंने तमाम जॉब साइट्स में अपना रिज्यूमे डाला, मगर मुझे कहीं से जॉब ऑफर नहीं आया। क्या सचमुच जॉब साइट्स में रिज्यूमे डालने से जॉब ऑफर आती है?

एक्सपर्ट की राय : इसमें कोई दो राय नहीं है कि इंटरनेट में मौजूद जॉब साइट्स में रिज्यूमे डालने से जॉब के ऑफर आते भी हैं। मगर इस बात को गाँठ बाँध लें कि यह अकेला रास्ता नहीं है जॉब हासिल करने का। औसतन कोई कंपनी अपने पास आने वाले 250 रिज्यूमे में से किसी एक को ही इंटरव्यू के लिए बुलाती है। इसीलिए सिर्फ कई वेबसाइट्स पर रिज्यूमे डालने भर से नौकरी नहीं मिल जाती।

कई बार तो काफी सारे रिज्यूमे देखकर एम्प्लॉयर भी उलझन में पड़ जाता है। वेबसाइट पर मौजूद लाखों रिज्यूम्स में सही व्यक्ति को चुनना एम्प्लॉयर कंपनी के लिए भी मशक्कतभरा काम है। इस मशक्कत से बचने के लिए कई दफा कंपनी डिलीट ऑप्शन का इस्तेमाल करने से भी नहीं हिचकती है। इसलिए नौकरी पाने के लिए दूसरे तरीकों पर भी अमल करना चाहिए मसलन- प्लेसमेंट एजेंसी, अखबारों में अपाइंटमेंट सप्लीमेंट या कंसल्टेंसी फर्म्स आदि से मदद लेनी चाहिए।

उलझन : मेरे पापा कहते हैं कि मैं उन कंपनियों को भी अपना रिज्यूमे भेजूँ, जिन कंपनियों ने अपने यहाँ किसी वैकेंसी का कोई विज्ञापन नहीं दिया? क्या यह सही होगा?

एक्सपर्ट की राय : बिलकुल सही होगा। आपके पापा बिलकुल सही कहते हैं। शायद आपको पता नहीं हर कंपनी में कम से कम 10 प्रतिशत ऐसी रिक्तियाँ होती हैं, जिन्हें वे विज्ञापित नहीं करतीं। इसलिए कभी-कभी वैकेंसी न होने के बावजूद आपको नौकरी मिल जाती है क्योंकि अपनी क्वालिफिकेशन और एक्सपीरियंस के जरिए आप कंपनी को इम्प्रेस करने में कामयाब रहते हैं। इसलिए वैकेंसी नहीं दर्शाने के बावजूद कई कंपनियों में आप रिज्यूमे डाल सकते हैं। हो सकता है, आपकी योग्यता को देखते हुए एचआर मैनेजर आपको इनफॉर्मल इंटरव्यू के लिए बुला ले।

उलझन : क्या जल्दी-जल्दी नौकरी बदलने से इमेज खराब होती है?

एक्सपर्ट की राय : यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जॉब हॉपिंग का दौर है। मैकेंजी और जनरल मोटर्स तक के कर्मचारी नौकरी छोड़कर दूसरी पकड़ रहे हैं, क्योंकि इस दौर का यह एक तरह से चलन बन चुका है। इसलिए इससे बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। आज एम्प्लॉयर भी मानने लगे हैं कि अगर आपने कई जगह काम किया है, तो इसका मतलब यह है कि आप अपनी क्रिएटिविटी को कई तरह से इस्तेमाल करना जानते हैं। हालाँकि इतनी कोशिश तो जरूर करनी चाहिए कि कहीं एक साल से पहले नौकरियाँ न बदलें। इससे एम्प्लॉयर पर थोड़ा-सा फर्क पड़ता है, क्योंकि किसी भी जगह की चीजों को समझने में कुछ वक्त तो लगता ही है।

उलझन : मैं पढ़ाई में हमेशा औसत रहा हूँ जबकि मेरे कजिन सुपरफास्ट। मेरे घर वाले कहते हैं कि मुझे नौकरी मिल ही नहीं सकती।

एक्सपर्ट की राय : आपके घर वाले गलत कह रहे हैं, पर शायद उनकी मंशा आपको प्रेरित करने की है। जहाँ तक औसत होने पर नौकरी न लगने का सवाल है तो वे दिन गुजर गए, जब एक अच्छी नौकरी के लिए कई सालों का एक्सपीरियंस या हाई मेरिट क्वालिफिकेशन को तरजीह दी जाती थी। आज भले ही आप बहुत विद्वान न हों, तो भी आज हर तरह की क्वालिफिकेशन रखने वालों के लिए नौकरी मौजूद है। अगर आपको कहीं से इंटरव्यू के लिए बुलावा आता है, तो उसका मतलब यह है कि आपकी योग्यता और अनुभव एम्प्लॉयर के मुताबिक है। ऐसे में आपको बस इंटरव्यू के दौरान यह साबित करना है कि आपका ही क्यों चयन किया जाए। एम्प्लॉयर अपने तरीके से तलाश लेता है कि आप में काबिलियत कितनी है।

उलझन : क्या यह जाहिर करने पर कि वास्तव में मुझे नौकरी की जरूरत है, एम्प्लॉयर की नजरों में मैं जरूरतमंद साबित हो जाऊँगा और मेरी वह कीमत नहीं मिलेगी जिसका मैं हकदार हूँ?

एक्सपर्ट की राय : किसी हद तक ऐसा है। मगर यह कोई श्याम-श्वेत नियम नहीं है कि ऐसा ही होगा। वास्तव में यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपनी उपयोगिता किस तरह सिद्ध करते हैं। अगर आपने यह साबित कर दिया कि आपको रखना एम्प्लॉयर के लिए फायदेमंद है तो फिर इससे कतई फर्क नहीं पड़ेगा कि आप जरूरतमंद हैं या नहीं। अपनी काबिलियत को बेहतरीन तरीके से पेश करने की कला ही आपकी कीमत है।

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