इस विरोध-प्रदर्शन में कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल, कांग्रेस के पूर्व सांसद भालचंद्र मुंगेकर, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना नेता नितिन सरदेसाई, शिवसेना (उबाठा) नेता आदित्य ठाकरे और संजय राउत शामिल हुए। शिवसेना (उबाठा) ने पूरे राज्य में इसी तरह के विरोध प्रदर्शन किए। ठाकरे ने कहा कि हमने सरकारी आदेश की प्रतियां जलाई हैं, जिसका मतलब है कि हम इसे स्वीकार नहीं करते। हम हिंदी का विरोध नहीं करते, लेकिन हम इसे थोपे जाने की अनुमति नहीं देंगे। मराठी के साथ अन्याय हुआ है। सवाल यह है कि आप छात्रों पर कितना दबाव डालने जा रहे हैं। इनपुट भाषा Edited by : Sudhir Sharma