निरमा एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना प्रसिद्ध उद्योगपति तथा लोकोपकारी डॉ. करसनभाई के. पटेल द्वारा सन् 1994 में भारत में उच्च शिक्षा को बढ़ावा तथा समर्थन देने के उद्देश्य से किया गया था। इसे 2003 में पूरी तरह से निरमा यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस टेक्नॉलॉजी का सांविधिक दर्जा प्रदान किया गया है।
इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी निरमा इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी निरमा यूनिवर्सिटी का सबसे नया विभाग है, जिसे फार्मास्यूटिकल शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के साथ-साथ देश के युवकों तथा युवतियों को फार्मास्यूटिकल उद्योगों, शिक्षा, अनुसंधान तथा विकास और माकेटिंग क्षेत्र कीचुनौतियों के लिए तैयार करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है।
इस उत्कृष्ट संस्थान में फार्मेसी के क्षेत्र में स्नातक, स्नातकोत्तर डॉक्टोरल तथा पोस्ट डाक्टोरल शिक्षा प्रदान की जाती है। गुजरात तथा पश्चिमी भारत को फार्मेसी व्यवसाय के क्षेत्र में इस तरह के केंद्र कीलंबे समय से आवश्यकता थी, जिसे निरमा इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी ने पूरा किया है। यह केंद्र उस समय स्थापित किया गया है, जब सारी दुनिया में फार्मास्यूटिकल उद्योग तथा शिक्षा में खासा परिवर्तन आ रहा है। इस दृष्टि से निरमा इंस्टीटयूट ऑफ फार्मेसी बदलते वैश्विक परिवेशमें एक अति आधुनिक तथा सामयिक संस्थान बनकर उभरा है।
यह अहमदाबाद से 15 किलोमीटर दूर सरखेज-गाँधीनगर हाईवे पर 110 एकड़ के खूबसूरत क्षेत्र में स्थापित है, जिसका वातावरण प्रदूषण मुक्त तथा हरियाली से आच्छादित है। सेंटर में सर्वसुविधायुक्त कक्षाएँ, सुसज्जित लैब, 2500से अधिक पुस्तकों से सुसज्जित लाइब्रेरी, परिष्कृत इंस्ट्रूमेंट लाइब्रेरी, एनिमल हाउस, मेडिसिनल प्लांट गार्डन, स्टूडेंट स्टोर, बैंक तथा सर्वसुविधायुक्त होस्टल तथा केंटिन सुविधा उपलब्ध है। उद्देश्य अधिकांश विकसित देशों में फार्मेसी का प्रोफेशन डायनामिक तथा विकास की अवस्था में है। इसलिए यह सभी का दायित्व बन जाता है कि हमारे यहाँ भी इसी आवश्यकता के अनुरूप संस्थान विकसित किए जाएँ। इसके लिए निरमा इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी ने निम्नलिखित उद्देश्य सामने रखे हैं :
1. फार्मास्यूटिकल साइंस में ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, डॉक्टोरल तथा पोस्ट डॉक्टोरल स्तर की शिक्षा प्रदान करने के लिए उत्कृष्ट केंद्र को विकसित करना।
2. फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स तथा रिसर्च लेबोरेटरी की तेजी से विस्तारित होती मानव संसाधन आवश्यकताओं की पूर्ति करना।
3. मेडिसिन तथा मानव स्वास्थ्य देखभाल के उच्च प्रौद्योगिकी तथा नए क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देना तथा फार्मास्यूटिकल शिक्षा तथा टेक्नॉलॉजी में राष्ट्रीय लक्ष्यों को पूरा करना।
4. प्रि-क्लिनिकल टोक्सिसिटी स्टडीज, फार्माकोकाइनेटिक्स तथा ड्रग मेटाबोलिज्म, फार्मूलेशन और डेवलपमेंट स्टडीज के क्षेत्रों में सहयोगात्मक प्रोफेशनल कार्यक्रमों का आयोजन करना तथा उत्कृष्ट औद्योगिक-शैक्षणिक पारस्परिक क्रियात्मक संबंध स्थापित करना।
5. सरकार, सीएसआईआर, आईसीएमआर, यूजीसी, डीएसटी तथा डीबीटी जैसे विभिन्ना फंडिंग अभिकरणों तथा फार्मास्यूटिकल उद्योगों द्वारा प्रायोजित अनुसंधान प्रोजेक्ट को लेकर उसमें काम करना।
6. फार्मास्यूटिकल वैज्ञानिकों तथा शिक्षकों के लिए नियमित रूप से सतत शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित करना तथा इस केन्द्र को शिक्षकों के लिए क्वालिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी के रूप में विकसित करना।
कोर्स 1. बी. फार्मा : इसमे कुल सीटों की संख्या 60 है, जिसमें प्रवेश के लिए एक केंद्रीकृत चयन प्रक्रिया अपनाई जाती है। इसके लिए एक संयुक्त प्रवेश समिति का गठन किया गया है।
2. बी. फार्म ऑनर्स : इसमें प्रतिवर्ष 60 छात्रों को प्रवेश परीक्षा की संयुक्त मैरिट के आधार तथा बी. फार्मा के स्कोर के आधार पर प्रवेश दिया जाता है।
3. एम. फार्म : इसमें कुल 41 सीटें हैं, जिनमें से 10सीटें फार्मास्यूटिकल टेक्नॉलॉजी एंड बायो-फार्मास्यूटिक्स, 10 सीटें फार्मास्यूटिकल एनालिसिस, 6 सीटें फार्माकोलॉजी, 10 सीटें मेडिसिनल केमिस्ट्री तथा 5 सीटें फार्मास्यूटिकल्स एंड नेचुरल प्रॉडक्टस के लिए आरक्षित हैं।एम. फार्म के छात्रों को वेलिड गेट स्कोर के आधार पर प्रवेश दिया जाता है।
4. पीएचडी : पीएचडी के लिए साक्षात्कार के आधार पर प्रवेश दिया जाता है।