रेलमंत्री लालूप्रसाद यादव को भारतीय राजनीति में चाहे जो संज्ञा दी जाती रही हो, लेकिन बतौर रेलमंत्री उन्होंने पटरी से उतरी भारतीय रेल का जो प्रबंधन किया है, उससे देश और दुनिया के मैनेजमेंट गुरु तक हैरान हैं। कई प्रबंधन संस्थानों ने उनकी प्रबंधन रणनीति का लोहा मानते हुए उन्हें अपने यहाँ लेक्चर के लिए आमंत्रित किया है। आईआईएम अहमदाबाद, हावर्ड बिजनेस स्कूल और व्हार्टन में अपने मैनेजमेंट फंडों से स्टूडेंट को मोहित करने वाले लालू के मैनेजमेंट फंडे के कुछ टिप्स यहाँ प्रस्तुत हैं-
कर्ता बनें विशेषज्ञ नहीं : लालू का मानना है कि हर कोई विशेषज्ञ नहीं बन सकता है और जरूरी नहीं कि सफलता पाने के लिए कोई विशेषज्ञ ही बने। इसके लिए सकारात्मक परिवर्तन लाने की आवश्यकता है और इसके लिए कठोर परिश्रम जरूरी है।
विचारधारा खुली रखें : यह कोई मायने नहीं रखता है कि कौन किस पद पर बैठा है। इंसान को हमेशा नई विचारधाराओं को ग्रहण करने के लिए तैयार रहना चाहिए। हो सकता है कि आपके संस्थान का अदना-सा कर्मचारी भी वह महत्वपूर्ण सलाह दे दे जो सबसे ऊँचे पद पर बैठा अधिकारी नहीं दे पाया हो।
लालू ने रेलमंत्री पद पर रहते हुए पटरी से उतरी भारतीय रेल का जो प्रबंधन किया है, उससे देश और दुनिया के मैनेजमेंट गुरु तक हैरान हैं। आईआईएम अहमदाबाद, हावर्ड बिजनेस स्कूल और व्हार्टन में अपने मैनेजमेंट फंडों से स्टूडेंट को मोहित करने वाले लालू।
दें काम को मान : पैसा एक प्रोत्साहन है फिर भी इस बारे में कोई शक नहीं होना चाहिए कि किसी भी काम करने वाले के लिए उसके काम को मिली मान्यता उसके लिए सबसे बड़ा इनाम होता है। सही समय पर की गई प्रशंसा किसी को बेहतर काम करने के लिए दीर्घकालीन प्रेरणा दे सकती है।
अच्छे मानव प्रबंधक बनें : अच्छे मैनेजर को सही काम के लिए सही व्यक्ति को चयन करने का तरीका आना चाहिए। ऐसा बंदा, जो कम्प्यूटर प्रोग्राम को समझने में असफल हो वह अकाउंटिंग की जटिल गुत्थियों को सुलझाने का अद्भुत कौशल रख सकता है। अच्छा मैनेजर जानता है कि कौन किस काम के लिए उपयुक्त या फिट है।
भरोसा रखें अपनी टीम पर : अच्छे मैनेजमेंट के लिए जरूरी है कि अपनी टीम पर आँख मूँदकर भरोसा किया जाए। अपने लोगों के पीछे खड़े रहना और उनके विचारों पर भरोसा करना ऐसा मैनेजमेंट फंडा है, जो कभी असफल हो ही नहीं सकता है।
बिन जोखिम काहे का लाभ? : अच्छा मैनेजर वह इंसान होता है, जो जोखिम उठाने से कभी नहीं डरता हो। सभी व्यवसायों में किसी न किसी तरह का जोखिम तो उठाना ही पड़ता है और ऐसा इंसान, जिसे अवसर को भुनवाने का साहस है वह अंततः सफलता का वरण करता है।
सिद्धांत की बजाय करो व्यवहार में विश्वास : केवल मैनेजमेंट की किताब पढ़कर ही अच्छा मैनेजर नहीं बना जा सकता है। मैनेजमेंट का सबसे अच्छा पाठ तो गलतियों से सबक सीखकर ही हासिल किया जा सकता है। किताबें केवल दिशा दिखाती हैं, उस राह पर चलकर ही सफलता प्राप्त की जा सकती है, यानी कि थ्योरी की बजाय प्रैक्टिकल ज्यादा महत्वपूर्ण है।
दिमाग पर करें यकीन संकट के समय : संकट के समय हमेशा अपनी बुद्धिमत्ता पर भरोसा करें। व्यवसाय की समस्याओं को व्यक्तिगत समस्याओं से जोड़कर देखें तथा अपने आपसे पूछे कि यदि यह समस्या आपके जीवन में आती तो आप उससे कैसे निपटते? अपने कॉमनसेंस का उपयोग करें और निश्चित ही आपकी समस्या का समाधान मिल जाएगा।
लालू के कुछ सच : मैं इतना काम करता हूँ कि यदि मुझे सारी सुविधाएँ न मिलें तो मैं पागल हो जाऊँगा।
हर इंसान अपने क्षेत्र में शीर्ष पर पहुँचना चाहता है। एक दिन मैं प्रधानमंत्री बनना चाहूँगा, लेकिन अभी नहीं। मैंने फिलहाल इस मामले को पेंडिंग लिस्ट में डाल रखा है।
मैं जानता हूँ कि कुछ लोग मेरी बातों को मजाक में उड़ा देते हैं, लेकिन जो मैं कहता हूँ उसका हमेशा गहरा अर्थ होता है। मैं दिल से समाजवादी हूँ और मेरे दिमाग में हमेशा गरीबों के हितों की चिंता लगी रहती है। जब लोग देखते हैं कि किस तरह से मैंने मुश्किलों के बीच अपनी राह बनाई है तो उन्हें भी अपने जीवन में आशा की किरण दिखाई देती है।
यदि आप गाय को पूरी तरह नहीं दुहेंगे तो वह बीमार पड़ जाएगी।
मेरी अम्मा मुझसे हमेशा कहा करती थी कि भैंस को उसकी पूँछ पकड़कर नियंत्रित नहीं करना चाहिए, बल्कि हमेशा उसके सिंग पकड़ना चाहिए। मैंने रेलवे सहित अपनी जिंदगी में उसी सिद्धांत का पालन किया है।
वेगनें रेलवे का रोटी कमाने वाला घोड़ा है। इस पर पर्याप्त वजन लादो। इसे दौड़ने दो और कहीं ठहरने मत दो।
यदि हम किराया दरें बढ़ाते हैं तो सामान सड़क मार्ग से जाने लगेगा और सड़कों की स्थिति बद से बदतर हो जाएगी।