सिखाए जा रहे हैं तनावमुक्त रहने के गुर

- वीना शर्मा

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सीबीएसई परीक्षाओं के नजदीक आते ही स्कूल प्रबंधको ने बच्चें को तनावमुक्त रहने के गुर सिखाने शुरू कर दिए हैं। बच्चों को तनावमुक्त रखने के लिए अभिभावक को भी जागरुक किया जा रहा है। ताकि अभिभावक बच्चों को पढ़ाई के लिए अधिक दबाव न डाले। छात्र भी मौज-मस्ती को छोड़कर विभिन्न विषयों को गंभीरता से लेते हुए परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।

सीबीएसई बोर्ड परीक्षा की तैयारी में जुटे छात्रों को तनावमुक्त रखने के लिए स्कूल प्रबंधकों द्वारा एकाग्रता से पढ़ाई करने पर जोर दिया जा रहा है। सभी स्कूल प्रबंधक अपने-अपने ढंग से बच्चों को परीक्षाओं की तैयारी करने के बारे में बता रहे हैं, जिसमें बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ बेहतर भोजन और अच्छी नींद लेने की सलाह दी जा रही है।

इसके साथ ही कमजोर विषयों को अधिक समय दें। याद करने के बाद विषय को लिखकर जरूर देखें। अकसर ऐसा होता है कि जब हम याद करते हैं तो हमें लगता है कि हमें सारा याद हो गया है। पर असल में ऐसा नहीं होता ।

समय सारिणी बनाकर पढ़ने जैसे कई गुर सिखाए जा रहे हैं। इसके साथ ही अध्यापकों द्वारा अभिभावकों को भी काउंसलिंग के माध्यम से बच्चों को तनावमुक्त रखने की सलाह दी जा रही है। अधिकांश स्कूल प्रबंधकों का मानना है कि अधिक दबाव की वजह से बच्चे तनावग्रस्त हो जाते हैं। जिससे कि वह परीक्षाओं के दिनों में तनाव में आ जाते हैं।

मनोवैज्ञानिक अजय भार्गव का कहना है कि बच्चों को तनावमुक्त रहने के लिए परीक्षाओं के दिनों में अभिभावकों को उनके साथ दोस्त की भांति व्यवहार करना चाहिए। अच्छी नींद के साथ-साथ उनके खान-पान पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। उनका कहना है कि बच्चों को उनकी क्षमता के अनुसार ही काम करने देना चाहिए। उन पर किसी भी चीज को लेकर जरूरत से अधिक दबाव डालना घातक सिद्ध हो सकता है। इसलिए उन्हें उनकी क्षमता के अनुरूप ही काम करने देना चाहिए।

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