सभी अभ्यर्थी जिन्होंने प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण कर ली हो उनकी कुछ ऐसे चयनित विषयों में परीक्षा ली जाए जिनका ज्ञान सभी लोक सेवकों के लिए जरूरी हो। एक जैसे विषयों को लेने पर यूपीएससी की बहुत-सी उलझनें समाप्त हो जाएँगी व अभ्यर्थी का मूल्यांकन व पदों में उसकी स्थिति निर्धारण करने का कार्य सरल हो जाएगा। चूँकि प्रतियोगिता का आधार सबके लिए एक समान होगा।
लिखित परीक्षा में प्रस्तावित प्रारूप के विषयों को महत्व देना चाहिए। अभ्यर्थी का पुनः सामाजिक अध्ययन के विषयों व निबंध में परीक्षा लेना जरूरी नहीं, जो स्वतः ही पाठ्यक्रम से हट जाएगा चूँकि सभी प्रश्न-पत्र निबंधात्मक होंगे। अँगरेजी को पाठ्यक्रम में रखने का स्पष्ट कारण है और अभ्यर्थी को अन्य विषयों में पात्रता के लिए इसमें न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करना होंगे।
प्रत्येक प्रश्न-पत्र 300 अंक का होगा। कुल 2400 अंक की परीक्षा होगी।
सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, प्रशासनिक व न्यायिक प्रणाली का पाठ्यक्रम आधारभूत सिद्धांतों के साथ ही भारतीय संदर्भ में स्रोत, ढाँचे व समस्याओं पर पाठ्यक्रम आधारित होगा। अभ्यर्थी का मूल्यांकन आधारभूत मूल सिद्धांत, विचारधारा व उनका भारतीय संदर्भ में हल खोजने की समझबूझ पर आधारित होगा।
प्रशासक को प्रशासन व प्रबंधन की नवीनतम विचारधारा के सिद्धांतों से अवगत होने के साथ ही संगठनात्मक व्यवहार से अवगत होना प्रशासनिक तंत्र को सुचारु रूप से चलाने के लिए अनिवार्य है। अँगरेजी व भारतीय भाषा के अतिरिक्त प्रत्येक प्रश्न-पत्र में चार खंड होंगे तथा प्रत्येक अभ्यर्थी को प्रत्येक खंड में से एक प्रश्न का उत्तर देना होगा।
प्रत्येक प्रश्न-पत्र का समय 4 घंटे होगा तथा प्रत्येक अभ्यर्थी को कुल 4 प्रश्न करने होंगे जिनमें से प्रत्येक प्रश्न 75 अंक का होगा। प्रश्नों के उत्तर निबंधात्मक होंगे जिसमें अभ्यर्थी के संबंधित विषय में गहन ज्ञान एवं सूझबूझ का आकलन किया जा सकेगा। मुख्य परीक्षा के कुल 2400 अंक होंगे और उसके सभी प्रश्न बीए ऑनर्स स्तर के होंगे।
साक्षात्कार के प्रारूप में भी बदलाव लाना होगा और साक्षात्कार परीक्षा के एक भाग के रूप में सामूहिक चर्चा को सम्मिलित करना होगा और अभ्यर्थियों का कार्य निष्पादन साक्षात्कार के पूर्व बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। साक्षात्कार के लिए निर्धारित 400 अंकों में से 100 अंक सामूहिक चर्चा के लिए सुरक्षित रखे जाएँगे और शेष मौखिक परीक्षा के लिए।
एक मनोवैज्ञानिक अभ्यर्थी के कार्य निष्पादन की जाँच करने के लिए सामूहिक चर्चा में व साक्षात्कार बोर्ड में शामिल किया जाएगा। दोनों ही स्थानों पर अभ्यर्थी को समस्या समाधान क्षमता व सृजनात्मकता और नवनिर्माण की क्षमता विषय अंक
सामान्य अध्ययन 300
सामान्य विज्ञान तर्क अधारित, परिमाणपरक योग्यता 300