आयडिया जो क्लिक करे

काम में सफलता को हमेशा ही इस बात से जोड़ा जाता है कि आपके ज्ञान का स्तर क्या है, आप कितने कुशल हैं और अपने काम में कितने नए आइडियाज लाते हैं। हमारी बुद्धि कहती है कि हमें नौकरी के लिए अपने ज्ञान व कौशल को बढ़ाने की जरूरत है। लेकिन हम यह भूल जाते हैं कि जब तक हम नए-नए आयडियाज नहीं लगाएँगे हमारी संस्था आगे नहीं बढ़ पाएगी। और इस बढ़ती प्रतियोगिता के दौर में हम पिछड़ जाएँगे। तो चलिए बात करते हैं ऐसे ही कुछ आयडियाज के बारे में-

सबसे पहले तो एक प्रश्न-क्या आप अपनी नौकरी की एकरसता में मस्तिष्क का व्यायाम करना भूल गए हैं? असल में आपके शरीर की तरह आपको दिमाग को भी कसरत की जरूरत है। इसलिए चुनौतियाँ स्वीकार करिए और समस्याओं को हल करने में इसे लगाइए। लेकिन बस कसरत से काम नहीं चलेगा, आपको दिमाग को खुराक भी देनी पड़ेगी। इसके लिए आपको बहुत सी पुस्तकें पढ़नी चाहिए। सफल व्यवसायियों व उद्यमियों के बारे में पढ़ना होगा। आप जिस कंपनी में काम करते हैं उससे संबंधित लोगों की आत्मकथाएँ पढ़िए। इससे न सिर्फ दिमाग जागरूक बनेगा बल्कि प्रेरणा भी मिलेगी।

अपने दिमाग में कौंधने वाले विचारों को लिख लीजिए। जब भी आपके दिमाग में कोई अच्छा सा आइडिया आए आप यह मत सोचिए कि यह तो आपके दिमाग में हमेशा ही रहेगा अच्छा तो यह होगा कि आप उसे नोटबुक में लिख लें। रात में नोटबुक अपने बिस्तर के पास ही रखिए पता नहीं रात को दो बजे आपको कोई विचार अचानक से आ जाए और आप उसे सुबह तक भूल भी जाएँ। याद रखिए इस तरह लिखा हुआ आयडिया आपको कभी भी काम दे सकता है पर इसे जल्दी से जल्दी इस्तेमाल करने का प्रयास करें। क्योंकि आयडिया तो गरम चाय की तरह होते हैं ठंडा होने पर उनका महत्व नहीं रह जाता। फ्रेश आयडियाज को जितना आप काम में लेंगे उतनी ही आपके काम में ताजगी आएगी।

जगह में बदलाव से भी बहुत परिवर्तन आते हैं। जब आप कार्यालय में अपनी सीट पर होते हैं तो आपका दिमाग एक ही दिशा में चलता है और आप कुछ नया सोचने में असमर्थ हो जाते हैं। और यह भी सच है कि जैसे ही आप स्थान बदलते हैं कुछ नए विचार आपके दिमाग में आते हैं। और अगर यदि आप जगह नहीं बदल सकते तो अपना लैपटॉप या पीडीए लेकर कार्यालय के बगीचे में बैठ सकते हैं। चाहें तो कैफीटेरिया में बैठें और नई योजनाओं के बारे में सोचें। टहलने के दौरान या जिम में भी सोच सकते हैं। जब आपका शरीर किसी ताल पर काम करता है तो दिमाग ज्यादा एकाग्र हो जाता है तो जब भी व्यायाम करें या जागिंग करें तो इस बात का फायदा जरूर उठाएँ। जगह बदलने से जो भी आपके अंदर होगा वह बाहर जरूर आएगा यह तो तय है।

कुछ लोग लंच टाइम में बगीचे में बैठकर अपना पसंदीदा संगीत सुनते हैं और नए आयडिया के साथ अपनी सीट पर लौटते हैं। आप लैपटॉप नहीं रखते तो नोटबुक तो ले ही जा सकते हैं। जो भी बातें मन में आएँ उन्हें लिख लीजिए फिर बाद में उन्हें अच्छी तरह से जमा लीजिए। आपका बाहर जाकर बैठना तब भी फायदेमंद हो सकता है जब कार्यालय में आपके आस-पास कुछ न कुछ शोरगुल होता रहता हो।

दूसरों की मदद करना भी आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। जब किसी दूसरे विषय का व्यक्ति का आपसे मदद माँगे तो यह नहीं कहें कि यह मेरा क्षेत्र नहीं है। इस तरह की मदद से कार्यालय में अच्छा वातावरण तो बनता ही है साथ ही आपका ज्ञान भी बढ़ता है और दिमाग की कसरत होती है। फिर जब आपको काम पड़ता है तो लोग भी आपकी मदद को तैयार रहते हैं। जिनकी मदद आपने की है वक्त पड़ने पर आप उनसे कोई नए सुझाव तो ले ही सकते हैं।

यदि आप लोगों की मदद नहीं करते हैं तो आपने अपने आपको और अपने ज्ञान को एक सीमा में बाँध लिया है। जब लोगों को आपके विशेष ज्ञान की जरूरत हो तो उनकी मदद करें। जो लोग कार्यालय में नए-नए नियुक्त हुए हों उनकी मदद अवश्य करें, एक तो उनको आपकी जरूरत है और दूसरे आपको उनसे नए आयडिया मिल सकते हैं। वे कार्यालय के लिए नए हैं इसलिए हो सकता है कि वे ऐसे दृष्टिकोण से समस्याओं को देखें जिस तरह से आप कभी सोच ही न पाए हों। वे एकदम नए होने के कारण पिटे-पिटाए तरीके से नहीं सोचते।

अपनी संस्था को जानें और अपने उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं को भी पहचानें। आपको यह मालूम होना चाहिए कि जो भी चीज आप ग्राहकों को दे रहे हैं उसकी माँग कितनी है। आपकी कंपनी किस क्षेत्र में आगे है और किन क्षेत्रों में उसमें सुधार की जरूरत है। अब जिस भी तरह के आयडिया पर आप विचार करेंगे आपके दिमाग में ये बातें रहेंगी और इस तरह से आप अपनी संस्था की उन्नति में सहायक हो सकेंगे। कोई भी कंपनी तब ही आगे बढ़ती है जब उसका एक-एक कर्मचारी उसके बारे में सोचता है।

अपने आयडिए को ऐसा मोड़ दें कि उससे कंपनी के उद्देश्यों की अधिकाधिक पूर्ति हो सके। जरा एक विशेष कंपनी के बारे में सोचिए जिसने पुरुषों के लिए फेयरनेस क्रीम अभी बाजार में चलाई है। वह ब्रांड पहले से ही महिलाओं के लिए सौंदर्य प्रसाधन बनाता रहा है लेकिन इस नए उत्पाद से बाजार में हलचल मच गई। यह एक नया आयडिया ही तो था जो किसी न किसी ने तो दिया होगा।

कार्यालय के वातावरण को समझने का प्रयास करें। कोई भी व्यक्ति एक निर्जन टापू पर जीवन नहीं काट सकता। हर समय उसे किसी न किसी की जरूरत पड़ती ही है। अगर आपकी कंपनी एक बड़ी सी सीनरी है तो आप उसमें नदी या एक छोटा सा पहाड़ हैं पर नदी-पहाड़, आसमान, पक्षियों से पूरी तस्वीर बनी है। सबका अपना महत्व है। यदि आप मार्केटिंग में हैं तो कुछ समय फाइनेंस टीम के साथ बिताइए, उनके काम के तरीके के बारे में जानिए।

इससे आपको नया सोचने में मदद मिलेगी। कभी-कभी उस टीम के द्वारा अपनाए जा रहे तरीके को आप अपनी टीम के लिए भी उपयोग कर सकते हैं। लैरी पेज और सर्गे ब्रिन ने सिर्फ इतना सोचा कि लोगों को बहुत सी जानकारियाँ एक जगह उपलब्ध कराई जाए और गूगल जैसा सर्च इंजन बन गया। कहने का अर्थ यह है कि यदि आप अपनी आँखें और कान खुले रखें तो बहुत से आयडियाज आपको अपने आप आ जाएँगे।

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