-डॉ नरेश पुरोहित यदि आप कम उम्र के हैं, अभी-अभी करियर की शुरुआत की है एवं कर्मचारी के तौर पर अभी आपको अपनी छवि बनानी है, तो संभल जाइए। कम उम्र के कर्मचारियों को लेकर आमतौर पर लोगों में कई पूर्वाग्रह होते हैं। यदि आपका व्यवहार उन पूर्वाग्रहों को मजबूत बनाता रहा तो अपनी छवि सुधारना आपके लिए कठिन हो सकता है। आइए, जानें क्या हैं वे प्रमुख पूर्वाग्रह :
शॉर्टकट की तलाश सामान्य तौर पर युवाओं हेतु समय एक द्रव्य (करेंसी) की तरह होता है जिसका लगातार एवं अधिकतम उपयोग करते रहना लाभ का सौदा है। इसलिए निर्धारित से ज्यादा समय न लगाना एक सामान्य व्यवहार है। पर हो सकता है कि यह बात आपके अधिकारियों को अच्छी न लगती हो एवं मन ही मन वे आपको गैर जिम्मेदार मानने लगे हो। यदि स्वयं को एक जिम्मेदार कर्मचारी के तौर पर स्थापित करना चाहते हैं तो कम से कम अपनी प्रत्यक्ष कार्य जिम्मेदारियों में तिक़ड़म न लगाएँ।
युवा कर्मचारियों के कार्य आदर्श नहीं होते उनके कार्य आदर्श उन्हीं के जैसे होते हैं। एक तरह से स्वकेंद्रित सामान्य तौर पर यही बात आपके लिए नकारात्मक बन सकती है। जरूरत है लचीला होने की। शायद आपको यह महसूस ही नहीं होता हो कि चलो, यह काम खत्म हुआ, अब क्या बच गया है उसे पूरा कर लें। केवल इतना सोचना कि मुझे क्या काम सौंपा गया था एवं उसे बेहतर से बेहतर ढंग से करना अच्छा तो है, लेकिन यह देख लें कि कहीं यह दृष्टिकोण आपके लिए घातक तो नहीं बन रहा।
अधिकारियों हेतु आदर न होना आप युवा हैं, ऊर्जावान हैं, नया सोच सकते हैं, क्रांति पसंद करते हैं एवं कुछ मायनों में क्रांति ला भी सकते हैं। किंतु कहीं ऐसा तो नहीं कि यह रवैया चलते काम में बाधा बनकर ख़ड़ा हो जाता है? कहीं अपनी नई सोच के चलते आप अधिकारियों के प्रति गैर जिम्मेदार व्यवहार तो नहीं करने लगते? आपका यह प्लस प्वॉइंट माइनस में न बदल जाए, इसका ध्यान रखते हुए व्यवहार करें। याद रखिए कि इस समय आपको अपनी कार्यश्रेष्ठता से ही सरोकार होना चाहिए।