क्‍या है इंडस्ट्रियल डिजाइनिंग

- जयंतीलाल भंडारी

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पहले और वर्तमान के औद्योगिक ढाँचे में जमीन और आसमान का फर्क है। आज जब उद्योग एक जैसी कीमत और एक जैसे काम के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं तब उनमें मूल रूप से डिजाइनिंग या पैकेजिंग का ही अंतर पाया जाता है जिसके आधार पर उत्पाद बाजार में अपनी साख बनाता है। देखा जाए तो यही अंतर सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है इसलिए अपनी कंपनी के उत्पाद को सबसे बेहतर करना ही प्रत्येक कंपनी का उद्देश्य है और इसके लिए उसे इंडस्ट्रियल डिजाइनर की आवश्यकता पड़ती है।

वर्तमान में सामान्य जन उपभोक्ता के रूप में उत्पादों के प्रति अधिक आलोचनात्मक दृष्टिकोण रखते हुए वस्तु की माँग करते हैं। हालाँकि सीमित मात्रा में पूर्णतः नए उत्पाद बनाए जा सकते हैं फिर भी इंडस्ट्रियल डिजाइनिंग का मुख्य कार्य व्यावहारिक व पूरी कुशलता के साथ उपभोक्ताओं की माँग को ध्यान में रखते हुए उत्पादों के नए डिजाइन तैयार करना है।

आजकल तमाम कंपनियों द्वारा एक ही प्रकार का उत्पाद नई पैकेजिंग में प्रस्तुत किया जा रहा है और यहीं पर औद्योगिक या उत्पाद डिजाइनर के विशेष कौशल की परख की जाती है।

इंडस्ट्रियल डिजाइनिंग सृजनात्मक रिसर्च पर आधारित ऐसी कला है जो उपभोक्ता दृष्टि से टिकाऊ व व्यापक स्तर पर उत्पादों या व्यावसायिक औद्योगिक प्रयोग के लिए उपकरण तैयार करने में जुटी है। किसी भी औद्योगिक उत्पाद को डिजाइन करने के लिए दो कोणों का विशेष खयाल रखना होता है।

पहला इंजीनियरिंग और दूसरी किसी चीज को देखने का नजरिया, जिसके अंतर्गत उत्पाद की आंतरिक और बाहरी संरचना पर ध्यान देना होता है। आप इन क्षेत्रों में जितनी दक्षता और सृजनशीलतापूर्वक परिणाम सामने लाएँगे, आपको उतना अधिक प्रोत्साहन मिलेगा।

इंडस्ट्रियल डिजाइनिंग से संबंधित पाठ्यक्रमों की बात करें तो इनके कई पहलू हैं, जिनमें से किसी एक में आप महारत हासिल कर सकते हैं। प्रोडक्ट डिजाइन इंजीनियरिंग आर्किटेचर, फर्नीचर और इंटीरियर डिजाइन-इंजीनियरिंग आर्किटेचर, इंटीरियर डिजाइन, सेरेमिक डिजाइन इंजीनियरिंग आर्किटेचर, सेरेमिक टेक्नोलॉजी, फाइन आर्ट्स, शिल्पकला, टॉय डिजाइनिंग-इंजीनियरिंग आर्किटक्चर डिजाइन आदि। इनके अलावा भी कई पाठ्यक्रम इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए हैं।

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