-कमल डाबला दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं। एक वे जो हमेशा बिजी रहते हैं। इनके हर न हो सकने वाले काम की वजह, इनका बिजी होना होता है। आप इनसे पूछिए कि ये आपको फलाँ जगह पहुँचने का वायदा करके भी क्यों नहीं पहुँचे तो इनका जवाब होगा- 'बहुत बिजी थाया थी'। आप अगर इनसे कहेंगे कि कम से कम फोन तो कर ही सकते थे तो उसके लिए भी इनका यही जवाब होगा- बिजी बहुत था/थी।
दरअसल ऐसे लोगों के लिए बिजी होना एक ऐसा ब्रह्मास्त्र है जिसका वे अपनी हर गलत बात, हर गलत आदत की रक्षा में वीटो की तरह इस्तेमाल करते हैं। वास्तव में बिजी होना और बिजी या व्यस्त होने की आदत का शिकार होना दो बिल्कुल अलग बातें हैं। जो व्यक्ति 10 कामों में से 8 कामों के न होने का कारण अपने को बिजी होना बताए।
समझ लीजिए कि वह सज्जन व्यस्त नहीं, व्यस्तता के मनोविकार का शिकार है। ऐसे लोग अकेले होते हुए भी अपने आप में पूरा माहौल होते हैं। ऐसे लोग आमतौर पर अपने दफ्तर पर बोझ होते हैं, क्योंकि येबेहद अनुत्पादक होते हैं। ऐसे लोगों की नौकरी अगर किसी तिकड़म के चलते-चलती भी रहती है तब भी बॉस उससे खुश नहीं रहते क्योंकि यह बात हमेशा उसके दिलोदिमाग में रहती है कि अमुक व्यक्ति दफ्तार पर बोझ है।
सवाल उठता है ऑफिस में बॉस की नजरों का तारा कैसे बनें? क्योंकि जो बॉस की नजरों का तारा होगा वही होगा दफ्तर का सुपरस्टार। ऐसे लोग कुछ इस तरह के होते हैं-
* बॉस की अनुपस्थिति में उनकी उपस्थिति से कहीं ज्यादा जिम्मेदार होते हैं।
* दफ्तर में उनके काम का ढंग पूर्णनिष्ठा और समर्पण वाला होता है।
* ऐसा व्यक्ति अपने कार्यों का वरीयता क्रम बनाता है।
* न सिर्फ ऐसा व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए काम निपटाता है बल्कि समय सीमा का ध्यान भी रखता है।
* ऐसा व्यक्ति अपने निजी फोन कॉल्स के लिए अलग से समय निकालता है।
* ऐसे व्यक्ति के सामने अगर कोई ऐसा काम होता है जिसे वह कुछ मिनटों से खत्म कर सकता है तो उसे टालता नहीं।
* ऐसा व्यक्ति अपनी ऑफिस की जिम्मेदारियों को सुचारु रूप से निभाने के लिए अपनी एक कार्ययोजना रखता है जिस पर कड़ाई से अमल करता हो।
* ऐसे व्यक्ति को पता होता है यह काम खत्म करने के बाद दूसरा काम कौन सा करना है।
* ऐसा व्यक्ति जानता है कि उसे उपलब्ध सूचनाओं को किस तरह सकारात्मक ढंग से इस्तेमाल करना है।
* ऐसे व्यक्ति को पता होता है कि किस व्यक्ति को फोन करना है और किसे ई-मेल करना फायदेमंद रहेगा।
* ऐसा व्यक्ति आदेश की प्रतीक्षा में नहीं रहता और न ही अपनी किसी लेटलतीफी को आदेश के तकनीकी बहाने पर डालता है।
* ऐसा व्यक्ति अपनी लोकप्रियता से भ्रमित नहीं होता।