बढ़ता क्रेज एमबीए का

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- उल्हास वैरागकर, टाइम एजुकेशन

अगर हम समाज के छोटे से छोटे समूह पर भी नजर डालें, तो पाएँगे कि कुछ छात्रों की बचपन से ही किसी काम को सलीके और व्यवस्थित ढंग से करने की आदत होती है। इस आदत को अगर वे अपना करियर बना लें, तो उनके लिए सपने पूरा करना कठिन न होगा। एक अच्छे प्रबंधक में तीन लक्षण होने आवश्यक हैं- एटीट्यूड, एप्टीट्यूड और अप्रोच। जिस किसी में भी ये तीन गुण हैं, वह अवश्य ही प्रबंधन क्षेत्र में अपना लोहा मनवा सकता है।

अगर आप मैनेजमेंट से संबंधित कोर्स करना चाहते हैं, तो आपको कैट, मैट, ओपनमैट, एक्सएटी, जेएमएटी, एफएमएस, आईबीएसएटी, एनएएमटी, एसएनएपी आदि एंट्रेंस टेस्ट में कोई एक उत्तीर्ण करना होगा। कैट के माध्यम से आप देश के प्रतिष्ठित इंडियन इंस्टीट्‍यूट्स ऑफ मैनेजमेंट यानी आईआईएम (अहमदाबाद, मुंबई, बंगलोर, इंदौर, लखनऊ और कोझीकोड) और इसके समकक्ष बी-स्कूलों में प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन किसी भी बिजनेस स्कूल में प्रवेश के लिए होने वाले एंट्रेंस टेस्ट को पास करने के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी होगी। सभी प्रवेश परीक्षाओं में कमोबेश एक तरह के प्रश्न पूछे जाते हैं। इन सबके बारे में आपको पहले से जानकारी जुटानी होगी।

चयन प्रक्रिया
पहला चरण : ज्यादातर बिजनेस स्कूल या संस्थान लिखित परीक्षा में निम्नलिखित क्षेत्रों से संबंधित प्रश्न ही पूछते हैं :
लैंग्वेज स्किल : वर्बल एबिलिटी, अँग्रेजी ग्रामर, यूजेज, रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन इत्यादि।
क्वांटिटिव स्किल : गणितीय योग्यता।
इंटरपरफेक्शन एवं रीजनिंग स्किल : डाटा एफीशिएंसी, लॉजिकल रीजनिंग इत्यादि।

दूसरा चरण - समूह चर्चा और व्यक्तिगत साक्षात्कार : इस चरण में समूह चर्चा (जीडी) द्वारा प्रतिभागी की तार्किक पॉजीटिव बातचीत और उसकी लीडरशिप क्वालिटी को परखा जाता है, जबकि व्यक्तिगत साक्षात्कार के दौरान आपके जनरल नॉलेज, आत्मविश्वास, विपरीत परिस्थितियों में भी आपकी वाकपटुता को आँका जाता है।

तीसरा चरण - स्पेशलाइजेशन व संस्थान चयन : जब प्रतिभागी उपरोक्त दोनों चरणों को सफलतापूर्वक पार कर लेता है, तो अंतिम परीक्षा आती है, स्पेशलाइजेशन और संस्थान चुनने की। कुछ प्रमुख स्पेशलाइजेशन क्षेत्र इस प्रकार हैं :

अकाउंटिंग, फाइनेंस, ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट, मार्केटिंग, एंटरप्रॅन्योरशिप, ई-कॉमर्स, स्टैटिस्टिकल मेथड फॉर बिजनेस एंड इंडस्ट्री, इंटरनेशनल बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, नर्सिंग, प्लॉनिंग मैनेजमेंट, स्ट्रेटजिक मैनेजमेंट, इकोनॉमिक्स, हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन, ऑपरेशन मैनेजमेंट, हेल्थ इंफार्मेशन मैनेजमेंट, रिटेल मैनेजमेंट इत्यादि।


स्पेशलाइजेशन के प्रमुख क्षेत्र

चेन मैनेजमेंट : किसी भी उद्योग की सप्लाई प्रबंध उसका आधार होता है। उत्पादन का लेखा-जोखा देखना, सप्लाई और रिटेलर्स से समन्वय करना प्रबंधक का कार्य होता है। अगर आपमें इस क्षेत्र की चुनौती स्वीकारने की क्षमता है, तो चेन मैनेजमेंट आपके स्पेशलाइजेशन का अच्छा क्षेत्र हो सकता है।

बैंकिंग : यदि आपका रुझान मुद्रा प्रवाह, अर्थव्यवस्था या वित्तीय मामलों में ज्यादा है, तो बैंकिंग प्रबंधन आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। इसमें न केवल दूसरे को उनकी बचत और फायदे के बारे में सोचने की और बताने की छूट होती है, बल्कि आपकी बनाई गई एक पॉलिसी से देश की अर्थव्यवस्था में परिवर्तन भी आ सकता है।

रूरल मैनेजमेंट : जैसा कि आप सभी जानते हैं कि भारत की आत्मा यहाँ के गाँवों में निवास करती है और इस तकनीकी युग में गाँव बहुत तेजी से विकास कर रहे हैं। विकास के समानुपाती प्रबंधन क्षेत्र में भी यहाँ संभावनाओं की बाढ़-सी आ गई है। ग्रामीण प्रबंधन पर नजर डालें, तो पाएँगे कि आधारभूत ढाँचा, मनोरंजन सहित कई क्षेत्र इसमें शामिल हैं।

एनवायर्नमेंट मैनेजमेंट : हम सभी के पास रहने के लिए मात्र एक ही पृथ्वी है। इसलिए जनसंख्या बढ़ने और विकास के दुष्परिणामों को नियंत्रित करने के लिए लोगों का ध्यान इस तरफ बढ़ा है। जागरूकता को देखते हुए समाज का एक निकाय पर्यावरण की देखरेख और प्रबंधन में चौबीस घंटे लगा हुआ है। विश्वभर में खुल रहे पर्यावरण एनजीओ को देखते हुए पर्यावरण प्रबंधकों की माँग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। पर्यावरण प्रबंधन में न केवल आप पृथ्वी को हरा-भरा बनाते हैं, बल्कि आपकी पॉकेट भी हरी-भरी हो जाती है।

रिटेल मैनेजमेंट : शहर हो या कस्बे सभी जगह मॉल और सुपर बाजार फैलते जा रहे हैं। बात यहीं खत्म नहीं होती, इन मॉल्स में ग्राहकों को खास छूट भी दी जाती है, जिससे वे इस तरफ खुले बाजार से ज्यादा आते हैं। सामान को व्यवस्थित तरीके से रखना और ग्राहकों को पसंद और नापसंद को जानने वाले लोगों के लिए रिटेल मैनेजमेंट का क्षेत्र अपेक्षाकृत व्यापक और चुनौतीभरा भी है। मॉल और सुपरवाइजर की आँधी ने इसमें प्रबंधकों के लिए भी बड़ी जगह बना दी है। विस्तृत मॉल के लिए हर कंपनी अच्छे प्रबंधकों की हमेशा तलाश करती रहती है।

फाइनेंस : यह उन जैसे लोगों के लिए है, जो वैकल्पिक संसाधनों के बारे में योजनाएँ बनाते रहते हैं। आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपया वाले इस क्षेत्र में अच्छे प्रबंधकों की माँग दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही है।

सिस्टम : तकनीकी क्रांति के इस युग में प्रबंधन और तकनीकी को समायोजित कर नए-नए संसाधनों को समाज से रूबरू कराने वाले प्रबंध स्नातकों की आज के आधुनिक तंत्र में बहुत माँग है। इस क्षेत्र में वे लोग बहुत तेजी से आगे बढ़ सकते हैं, जो न केवल स्मार्ट हों, बल्कि दूरदर्शी सोच वाले भी हों।

विज्ञापन : सूचना पहुँचाने का बेहतर तरीका है-विज्ञापन। विज्ञापन प्रबंधन का क्षेत्र उन लोगों के लिए करियर का बेहतर विकल्प बन सकता है, जो बड़ी से बड़ी बात को किसी उदाहरण या चित्र के द्वारा प्रस्तुत करने में माहिर हों। ऐसे लोगों के लिए इस क्षेत्र में अपार संभावनाएँ हैं।

मार्केटिंग : अगर आपमें किसी सामान को बेचने और उसको प्रस्तुत करने के विशेष गुण हैं, तो यह क्षेत्र आपको बुलंदियों तक पहुँचा सकता है। इसके अतिरिक्त एक अच्छे मार्केटिंग प्रबंधक में वाकपटुता और नेतृत्व क्षमता होनी चाहिए।

प्रोडक्शन : इंजीनियरों का यह पसंदीदा क्षेत्र है। अगर आपका रुझान किसी भी वस्तु की गुणवत्ता को जानने और सोच उसे बेहतर शक्ल देने की है, तो इस क्षेत्र में आपके करियर का मजबूत आधार बन सकता है।

इंटरनेशनल बिजनेस : अगर आपकी रुचि विश्व बाजार और उदारीकरण व वैश्वीकरण की ओर है, तो आपके लिए इंटरनेशनल बिजनेस अर्थात आईबी में स्पेशलाइजेशन उपयुक्त रहेगा। इस क्षेत्र में न केवल अच्छा वेतन है, अपितु अन्य के मुकाबले सबसे ज्यादा प्रतिष्ठा भी है।

ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट : अगर आपकी रुचि और क्षमता लोगों की काबिलियत को पहचानने की है और बातचीत के माध्यम से ही आप किसी भी व्यक्ति के गुणों को भाँप सकते हैं, तो ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट उपयुक्त रहेगा।

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