सिविल सेवा परीक्षा 2008-09

स्वर्ण सिन्हा
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इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस यानी आईएएस में शामिल होना अधिकांश युवाओं का सपना होता है। एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस यानी किसी भी देश की संचालन व्यवस्था में शामिल होना होता है।

देश की संसद तथा उसमें सकरार बदलती रहती है, परन्तु जो देश के एडमिनिस्ट्रेटिव जिम्मेदारी है, वह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को सुचारू रूप से संचालित करने की संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का कार्य एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस में ‍शीर्ष पद पर बैठे आला अधिकारी करते हैं। ऐसे आला अधिकारियों के कार्य देश की सुरक्षा को लेकर बड़े महत्वपूर्ण होते हैं।

भारत में तमाम तरह के प्रशासनिक पद होते हैं, जो क्रमश: केन्द्र, राजय् व जिला स्तर के होते हैं। देश में लगभग साढ़े पाँच सौ जिले हैं, सभी का प्रशासन चलाने के लिए बड़ी संख्या में इन अधिकारियों की आवश्यकता होती है।

कैसे करें आवेदन-

यदि आप देश की प्रशासनिक सेवा का अंग बनना चाहते हैं, तो आपको यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा हर साल आयोजित होने वाली परीक्षा में सम्मिलित होना होता है। तीन चरणों में आयोजित की जाने वाली यह परीक्षा को पास कर आप एडमिनीसट्रेटिव ऑफीसर बन सकते हैं।

तीन चरण- प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा, इंटरव्यूह

आवश्यक योग्यताः
आपको परीक्षा होने तक स्नातक होना आवश्यक है। आपकी उम्र 21 वर्ष से कम तथा 30 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए।

आरक्षित श्रेणी के युवाओं के लिए इसमें छूट का प्रावधान है। इसके लिए अधिक जानकारी आप वेसाइट पर भी प्राप्त कर सकते हैं। सामान्य श्रेणी के अभ्यिार्थी इस परीक्षा में चार बार शामिल हो सकते हैं। प्रांरभिक परीक्षा में शामिल होना भी एक अवसर के रूप में गिना जाएगा। अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लिए इसमें विशेष छूट का प्रावधान है।

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जानें परीक्षा के बारे में :
संघ लक सेवा आयोग प्रतिवर्ष यह परीक्षा आयोजित करता है, जो तीन चरणों में ली जाती है। जानिए इन तीन चरणों के बारे में

प्रारंभिक परीक्षाः यूपीएससी द्वारा ली जाने वाली प्रारंभिक परीक्षा में दो प्रश्नपत्रों की ऑब्जेक्टिव टाइप परीक्षा होती है। एक विषय अभ्यर्थी के द्वारा चुना गया कोई वैकल्पिक विषय होता है, जबकि दूसरा विषय सामान्य अध्ययन यानी जीएस का होता है। दूसरा विषय जीएस का सभी के लिए अनिवार्य होता है।

वैकल्पिक विषय 300 अंकों का तथा अनिवार्य जीएस का पेपर 150 अंक का होता है। दोनों पेपर की अवधि दो-दो घंटे है। इन दोनों प्रश्नपत्रों में न्यूनतम क्वालिफाइंग अंक प्राप्त करने वाले अभ्यार्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल होने का अवसर दिया जाएगा।

मुख्य परीक्षा-
प्रांरभिक परीक्षा पास करने वाले अभ्यार्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए पुन: आयोग द्वारा भेजे गए आवेदन पत्र में आवेदन करना होता है। आमतौर पर यह परीक्षा अक्टूबर-नवम्बर माह में आयोजित की जाती है। इसमें अनिवार्य तथा वैकल्पिक विषय के प्रश्नपत्र शामिल होते हैं। सभी की प्रकृति निबंधात्मक होती है।

क्वालिफाइंग नेचर का होता है इसे पास करने के बाद ही अन्य अनिवार्य और वैकल्पिक प्रश्नपत्रों के उत्तर प‍त्रकों की जाँच की जाएगी। अन्य अनिवार्य प्रश्नपत्रों में निबंध (200 अंक और 3 घंटे की अवधि का) होता है तथा सामान्य अध्ययन के दो प्रश्नपत्र होते हैं और दोनों 300-300 अंक के ‍तथा तीन घंटे की अवधि के होते हैं।

इसके अलावा अभ्यार्थी द्वारा चुने गए दो वैकल्पिक विषयों की परीक्षा ली जाती है। यह जरूरी नहीं है कि ये विषय अभ्यार्थी के द्वारा ग्रेजुएशन स्तर पर पढ़े गए हो। इस दोनों विषयों के दो-दो पेपर होंगे और दोनों ही 300-300 अंक के होंगे। इनका जवाब देने के लिए तीन घंटे का समय दिया जाएगा।

अपनी चयन सुनिश्चित करने के लिए अभ्यार्थियों को मुख्य परीक्षा के सभी प्रश्नपत्रों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। क्योंकि इसी के अंक के आधार पर उनका अंतिम चयन निर्भर होता है। मुख्य परीक्षा के आधार कुल रिक्तीयों के ढाई-तीन गुना अभ्यार्थियों को इंटरव्यूह के लिए कॉल किया जाता है।

इंटरव्यू-
इंटरव्यू 300 अंकों का होगा, जो वस्तुत: अभ्यार्थी का परसनल्टी टेस्ट होता है। वह नई दिल्ली स्थित यूपीएससी के मुख्यालय धौलपुर हाउस में आयोजित किया जाता है। इसमें इंटरव्यू बोर्ड द्वारा अभ्यार्थी के समग्र व्यक्तित्व का आंकलन किया जाता है।