अश्विनी पोन्नपा : सावधानी अपेक्षित है

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प्रसिद्ध बैडमिंटन खिलाड़ी अश्विनी पोन्नपा का जन्म 18 सितंबर 1989 को मेष लग्न में बेंगलुरू में हुआ। जन्म के समय ऊर्जा का कारक ग्रह मंगल उच्च के बुध के साथ होकर सूर्य से युति कर षष्ट भाव में बैठा है।

बुध तृतीय भाव (पराक्रम) व पंचम भाव (विद्या एवं बुद्धि) के साथ होने से आप बैडमिंटन में आकर लंदन ओलिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।

भारत को अधिक से अधिक गोल्ड की उम्मीद अपने खिलाड़‍ियों से हैं। अब कितने गोल्ड मैडल आते हैं यह बात अलग है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार उनके ग्रहों का भी सहयोगी होना आवश्यक है।

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षष्ट भाव में सूर्य-मंगल दोनों ही ग्रह शत्रुहंता होते हैं व अपने प्रतिद्वंद्वी को परास्त करने में इन्हीं ग्रहों का योगदान रहता है। लेकिन अश्विनी की पत्रिका में शनि का दशम दृष्टि से षष्ट भाव पर विराजमान मंगल व सूर्य को देखने से कुछ क्षति की और भी इशारा करता है। क्योंकि वर्तमान में शनि-मंगल कन्या राशि पर है।

वहीं षष्ट भाव पर होना कुछ आस भी जगाता है। अक्सर देखा गया है कि षष्ट भाव पर शनि की दृष्टि व सूर्य-मंगल का होना, अपने प्रतिद्वंद्वी को नष्ट करने के लिए काफी होता है, लेकिन शनि-मंगल का दृष्टि संबंध कुछ मायनों में ठीक भी नहीं रहता। अतः अश्विनी को काफी सावधानी रखना होगी, तभी जाकर कुछ लाभ मिल सकता है।

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