कर्नाटक में ग्रह नक्षत्रों से डरी भाजपा

- मनोज वर्मा
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राहु और आषाढ़ पक्ष में इस्तीफा न देने पर अड़े येदियुरप्पा को लेकर केंद्रीय नेतृत्व आशंकित था। राहु काल के कटते ही येदियुरप्पा का इस्तीफा हुआ, तो भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का भी एक बड़ा संकट टला। वरना तो यह भी लग रहा था कि ग्रह-नक्षत्रों में फंसे येदियुरप्पा इस्तीफा देंगे भी या नहीं।

कर्नाटक में नए मुख्यमंत्री के चुनाव में ग्रह-नक्षत्र भी आड़े आ रहे हैं। कर्नाटक के निवर्तमान मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा हों या फिर नए मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला लेने का सवाल। कर्नाटक के भाजपा नेता 'राहु' काल से डरे हुए थे, इसलिए पहले तो येदियुरप्पा ने इस्तीफा देने का शुभ मुहूर्त देखा और जब राहु का संकट टल गया तब येदियुरप्पा ने राज्यपाल हंसराज भारद्वाज को इस्तीफा सौंपा।

असल में येदियुरप्पा के इस्तीफे में देरी की वजह राहु का कालखंड बना। खनन घोटालों के संबंध में लोकायुक्त संतोष हेगड़े की रिपोर्ट के बाद एक ओर जहां इस्तीफा देने के लिए येदियुरप्पा पर दबाव पड़ा, तो दूसरी तरफ येदियुरप्पा को राहु से भी डर लगा था। अमावस्या का भी डर था। लिहाजा इस्तीफा देने से पहले येदियुरप्पा ने तिरुपति में भगवान की शरण ली।

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येदियुरप्पा जब भी संकट में फंसते हैं तो तीर्थयात्रा पर निकल पड़ते हैं। पिछली बार जब कुर्सी पर संकट आया था तब वैष्णो देवी की शरण में गए थे।

वैसे, येदियुरप्पा ही नहीं पूरी कर्नाटक भाजपा ग्रह नक्षत्रों के फेर में पड़ी है। लिहाजा नए मुख्यमंत्री के चुनाव में दो दिन देरी की वजह नक्षत्र भी हैं। येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद विधायक दल की बैठक होनी थी, लेकिन टाल दी गई। क्योंकि ने उस समय अपनी चाल बदली तो पार्टी के नेताओं को भी अपनी रणनीति बदलनी पड़ी।

एक विचार यह भी आया कि सोमवार का दिन अच्छा है। इस दिन विधायक दल की बैठक कर नए मुख्यमंत्री का चुनाव कर लिया जाए। पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली और पूर्व भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह, जो पर्यवेक्षक बनकर बेंगलुरु गए थे, को संसद का मानसून सत्र शुरू होने के कारण दिल्ली लौटना था।

दोनों नेताओं ने मंगलवार को विधायक दल की बैठक का प्रस्ताव रखा, तो कर्नाटक के भाजपा नेताओं ने कहा कि मंगल का दिन अच्छे काम के लिए शुभ नहीं माना जाता। तय हुआ कि तीन अगस्त को बुधवार का दिन अच्छा है उसी दिन विधायक दल की बैठक बुला ली जाए।

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