दिलीप कुमार : स्वास्थ्य के प्रति सावधानी जरूरी

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प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता और ट्रैजेडी किंग दिलीप कुमार का जन्म 11 दिसंबर 1922 को पेशावर में मकर लग्न मिथुन नवांश सिंह राशि में हुआ। आपका पहले का नाम युसूफ था और आज भी आप इसी नाम से जाने जाते हैं।

मकर राशि वाले जातक मिली-जुली कदकाठी होने के साथ-साथ सुंदर भी होते है। आपके लग्न का स्वामी शनि नवम भाव में राहु के साथ होने से आप अधिकांश फिल्मों में नशे में ही काम करते थे, सिर्फ फिल्म 'बैराग' के सेट पर आपने शराब नहीं पी, क्योंकि उसमें आपको एक मंदिर में रोल निभाना था। आपने कई भावना प्रधान फिल्में की, जिसमें राम और श्याम, गोपी, बैराग आदि शामिल है।

आपकी पत्रिका के अनुसार पंचम भाव का स्वामी शुक्र एकादश में वृश्चिक जलतत्व की राशि में है व पंचम भाव पर सप्तम दृष्टि पड़ रही है। शुक्र वक्री भी है जो एक घर पीछे का फल भी देता है। गुरु, शुक्र की राशि तुला में है। गुरु, विवेक, ज्ञान व पृथककरण का कारक भी होता है।

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वैसे देखा जाए तो सिर्फ शनि भाग्य में है। पंचमेश व दशमेश शुक्र का पंचम भाव को देख रहा है, वहीं भाग्य व षष्ट भाव का स्वामी बुध एकादश भाव में है। किसी ने सच ही कहा है कि भाग्य के बिना सब अधूरा रहता है। सो आपका भाग्य भी कुछ ऐसा ही रहा। आपने अपने जमाने के हीरो राजकुमार के साथ भी फिल्मों में काम किया।

दिलीप कुमार के भावुक रोल का एक कारण यह भी है कि सूर्य, बुध, शुक्र जलतत्व की राशि में है। साथ ही फिल्मों के दौरान कई बार विरोध का भी सामना करना पड़ा, इसका कारण बुध का अस्त होना व केतु मध्य राहु के सारे ग्रह होना भी है।

अभी आपको भाग्य की महादशा में बुध का ही अंतर चल रहा है। षष्टम का बुध रोग भाव का स्वामी होकर अस्त है। अभी विशेष लाभ वाली भी कोई बात नजर नहीं आ रही है, फिर भी गोचर ग्रह में गुरु तृतीय भाव से मीन राशि में भ्रमण कर रहा है और आगे वर्ष भर मीन व मेष में रहेगा।

अत: नौ मई को मेष राशि में गुरु के आने से कोई लाभ मिल सकता है। जन्मपत्रिका में जन्म के समय गुरु की सप्तम दृष्टि चतुर्थ भाव (मेष राशि) पर पड़ने व गुरु के चतुर्थ से भ्रमण करने से आपको भारत रत्न या कोई उपाधि मिल सकती है।

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