धनुष को कौन नहीं जानता। साऊथ के जाने-माने स्टार रजनीकांत के दामाद और कोलावेरी डी से धनुष को जबरदस्त पहचान मिली।
धनुष का जन्म 28 जुलाई 1983 को वृषभ लग्न कुंभ राशि में हुआ। कुंभ राशि व वृषभ लग्न वाले जातक इकहरे बदन के होते हैं। कदकठी ठीक-ठीक होती है।
कला के सभी गुण इनमें विद्यमान होते हैं फिर वह कला किसी भी क्षेत्र की क्यों ना हो।
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धनुष के जन्म के समय वाणी भाव का स्वामी बुध स्वर भाव में होकर चतुर्थ यानी जनता भाव के स्वामी के साथ है यही वजह है कि गायन के क्षेत्र तेजी से पहचान बनाने में सफल हुए।
लग्न का स्वामी शुक्र चतुर्थ भाव में नीचाभिलाषी है, जो संघर्षों के बाद सफलता भी देता है।
हिन्दी फिल्मों में धनुष का आगमन फिल्म 'रांझणा' से हुआ। धनुष के जन्म के समय पंचम मनोरंजन का कारक बुध पराक्रम में चतुर्थेश व सूर्य के साथ है। यानी सफलता सफलता के पराक्रम पर निर्भर करती है।
शनि षष्ट भाव में होने से शत्रु नहीं होते लेकिन शनि कोई स्थायी रोग अवश्य देते हैं।
आयु उत्तम ही रहेगी। शुक्र-चन्द्र का समसप्तक योग होने से कलाकार के रूप में जाने जाएंगे। लेकिन हिन्दी फिल्मों में सफलता मिलीजुली रहेगी।
धनुष के लिए ओपल गले में धारण करना अतिशुभ फलदायी रहेगा।