रेखा जो सालों साल भारतवासियों के दिलों पर राज करती आई है और आज भी अपनी शालीनता और सहृदयता से लोगों पर अपनी छाप छोड़ती ही है, उन्हें जन्मदिन की बधाई।
रेखा 10 अक्टूबर 1954 को कोचिन में जन्मी है। इनकी कुंडली कन्या लग्न की है। द्वितीय भाव में बुध-शनि की उपस्थिति इन्हें वाणी और कला के कारण प्रसिद्धि दिलाती रही है। लग्न का सूर्य जहाँ खरा बोलने वाला और स्पष्टवादी बनाता है, वही चतुर्थ में राहू-मंगल का योग भावनात्मक रूप से अस्थिर बनाता है। परिवार सुख में भी कमी करता है। धन की स्थिति अच्छी ही बनी रहती है।
अभी रेखा शुक्र महादशा में शुक्र के अंतर से गुजर रही है। शुक्र इनके लिए दूसरे और भाग्य का स्वामी होकर फलकारी भी है। हालाँकि यह तीसरे भाव में होकर कमजोर हो गया है। यह शुक्र दिसंबर तक तो बहुत कष्ट (मानसिक और शारीरिक) देने वाला है। बहुत सावधानी से चलना होगा। उसके बाद का समय फलकारी है।
GS
इस दौरान सम्मान और प्रतिष्ठा प्राप्ति के योग बनते जाएँगे, जनता से सहयोग और समर्थन मिलेगा। मित्रों और रिश्तेदारों से भी सुख मिलेगा। विदेश से संबंधित कोई कार्य हो सकता है या कोई अच्छा शो या अन्य प्रकल्प भी मिल सकता है जिससे धन लाभ होने के योग प्रबल है।
इस काल में (2013 तक) धर्म-कर्म में भी रूचि रहेगी तीर्थाटन या लम्बी धार्मिक यात्रा हो सकती है। दान-धर्म में रूचि बनी रहेगी और इसके लिए जनता से सहयोग और प्रशंसा भी मिलेगी। कोई परामनोवैज्ञानिक अनुभव भी हो सकते है।
वाणी की स्पष्टता के कारण थोड़ी आलोचना का भी शिकार होना पड़ सकता है, अतः ध्यान रखना चाहिए। कुल मिलाकर समय अच्छा बना हुआ है। कार्य की सिद्धि के लिए शुक्रवार को चावल, शक्कर, गहने-कपड़ों का दान करें। कन्याओं को भोजन-वस्त्र दे और शिव की उपासना करें।