गाँधी परिवार के पुत्र स्वर्गीय संजय गाँधी व एवं भाजपा की सांसद श्रीमती मेनका गांधी के एकमात्र पुत्र वरुण गाँधी हाल ही में भड़काऊ भाषण से जेल-यात्रा में है। वे भाजपा के सांसद एवं पीलीभीत से प्रत्याशी हैं। कट्टर हिन्दूवादी बनने के चक्कर में फँसे वरुण के हौंसले अब भी बुलंद हैं।
चुनाव आयोग के कहने पर पुलिस ने मामला दर्ज कर वरुण को जेल का रास्ता दिखाया। अब भाजपा भी इसी राह पर चलकर लोकसभा तक का सफर तय करना चाहती है। क्या भाजपा को इसका फायदा मिलेगा? क्या वरुण आगे चलकर विवादास्पद नेता बनेंगे। कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा है कि वरुण भाजपा के प्रवीण तोगड़िया न बनें। क्या दिग्विजय सिंह की बात सही साबित होगी।
आइए जानें, क्या कहते है वरूण के सितारे। आपके जन्म समय में वाणी (द्वितीय) भाव में अष्टमेश सूर्य व भाग्येश षष्टेश बुध के साथ केतु विराजित है। इस स्थिति का होना वाणी को अनियंत्रित करता है। वैसे वाणी भाव में केतु का होना ही प्रभावशील भी होता है। ऐसे जातक की वाणी में दम होता है,तभी तो पहले भाजपा वरुण से दूरी बना रही थी लेकिन अब वरुण के साथ है। वह भी हिन्दूत्व कार्ड खेलने की सोच रही है।
वरूण की पत्रिका में दशमेश शुक्र भी केतु के नक्षत्र अश्विन में होकर चतुर्थ भाव में है। जो जनता के बीच हिन्दुवादी लोगों में अपना प्रभाव बनाएगा व भाजपा इसका भरपूर लाभ लेगी। वैसे आपकी पत्रिका में विपरीत राजयोग भी विराजमान है।
विपरित राजयोग वाला जातक भी अपनी हैसियत के मुताबिक ऊँचा उठता है। आपकी पत्रिका में सूर्य, बुध, गुरु व शनि वक्री है। वक्री ग्रहों का फल तेजी से मिलता है बशर्ते उसको भुनाने वाला हो। भाजपा ने यदि इसे मुद्दा बनाए रखा तो दिग्विजय सिंह की बात सच भी हो सकती है। वैसे वर्तमान ग्रहों की स्थिति को देखा जाए तो वरुण को फायदा मिल सकता है।