प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता स्वर्गीय पृथ्वीराज कपूर के लाड़ले बेटे शम्मी कपूर का जन्म 21 अक्टूबर को मिथुन लग्न मीन नवांश में हुआ। आपका फिल्मों में प्रवेश 1953 में बनी जीवन ज्योति से हुआ।
आइए जानते हैं क्या कहते हैं शम्मी के सितारे जिनसे उन्हें इतनी ऊँचाइयाँ मिली। लग्न व चतुर्थ का स्वामी बुध पंचम यानी मनोरंजन भाव में कला के कारक शुक्र व नीच भंग सूर्य के साथ है।
केन्द्र का स्वामी व त्रिकोण का स्वामी पंचम में हो तो लक्ष्मीनारायण योग बनता है आपकी पत्रिका में यह विशेष योग विद्यमान है। शनि जब चन्द्र को देखे या चन्द्र शनि को देखे तो धार्मिक योग बनता है अतः आप ईश्वर में श्रद्धा रखने वाले है।
आपकी पत्रिका में शनि सप्तम में गुरु की राशि धनु (जो अग्नि तत्व प्रधान है) में होने से आपके दो विवाह हुए पहली पत्नी गीताबाली थी जिनका मात्र 10 वर्ष ही साथ रहा इसके बाद आपका विवाह नीला देवी से हुआ। आपको भाग्य का भरपूर साथ मिला जब भाग्येश भाग्य को देखता हो तो उसको भाग्य का साथ अवश्य रहता है।
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मंगल के षष्ट भाव में होने से आपके प्रतिद्वंद्वी नहीं रहे। आप फिल्म जगत में एकमात्र रोमांटिक हीरो के रूप में राज करते रहे। पिता का साथ भी उत्तम रहा क्योंकि दशम भाव का स्वामी गुरु उच्च का होकर कुटुम्ब भाव (द्वितीय) में है।
दशमेश दशम को भी देख रहा है। आपका राशि नाम शमशैर सिंह व फिल्मी नाम भी राशि का ही है शम्मी कपूर। राशि स्वामी की भाग्य पर स्वदृष्टि ने ही आपको भाग्यशाली बनाया। वर्तमान में शनि का गोचरीय भ्रमण सुख भाव से चल रहा है, जिसकी तृतीय दृष्टि षष्ट भाव पर बैठे मंगल पर है अतः अभी एक वर्ष सावधानी से बरतने के है।
वर्तमान में शुक्र की महादशा चल रही है जो पंचमेश व द्वादशेश भी है और पंचम में विराजमान है। निश्चय ही आपको इस दशा में कोई उपलब्धि मिल सकती है।