सितारे भारत के पक्ष में

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सोमवार को भारत और इंग्लैंड के बीच होने वाले मैच पर सारी दुनिया की नजर है। भारतीय कप्तान महेंद्रसिंह धोनी के सितारे इन दिनों चमकदार बने हुए हैं। लेकिन साथ ही इंग्लैंड के कप्तान केविन पीटरसन भी पूरे दमखम के साथ सामने हैं।

धोनी की चंद्र कुंडली में वर्तमान में सूर्य और मंगल की उनके पराक्रम स्थान में युति है। अत: उनका पराक्रम बढ़ेगा। वहीं भाग्य पर सूर्य की दृष्टि प्रतिष्ठा में वृद्धि करेगी। गोचर का गुरु चौथे घर से 10वें घर पर पूरी दृष्टि डाल रहा है। यह भी प्रसिद्धि के योग निर्मित करता है। वहीं गोचर का राहु पंचम स्थान से मूल घर को देख रहा है। यह स्थिति पुरस्कार प्राप्ति के योग बनाती है।

धोनी को राहु की महादशा में पंचमेश में शनि का अंतर आ रहा है। यह स्थिति परिश्रम के बाद सफलता का संकेत देती है। वर्ष कुंडली के हिसाब से धोनी पर गुरु का प्रभाव है जो विजय का स्पष्ट संकेत दे रहा है। लेक‍िन शनि की स्थिति व्यय स्थान में है। अत: चोट लगने की आशंका हो सकती है।

Devendra SharmaND
सूर्य कुंडली के हिसाब से दोनों के लग्न समान हैं और गोचर के ग्रहों का बल दोनों को समान रूप से मिल रहा है। गुरु मंगल का दृष्टि लाभ भी दोनों को मिल रहा है। किंतु धोनी के नवमांश में उच्च का सूर्य है, शुक्र आय स्थान में है तथा मंगल भाग्य में बैठकर पराक्रम में वृद्धि कर रहा है।

साथ ही राहु की महादशा में दशमेश गुरु का अंतर है जो लोकप्रियता में वृद्धि करेगा। किंतु चिंता की बात यह है कि इनकी वर्ष कुंडली में राहु का प्रभाव है जोकि असमंजस की स्थिति निर्मित कर सकता है। अत: निर्णय लेने में सतर्कता रखना आवश्यक है। सोमवार के मैच की टक्कर काँटे की होगी।

पीटरसन की नवमांश कुंडली में मंगल, शनि भाग्य स्थान में हैं। सूर्य दशम भाव में बलि हो रहा है। शुक्र की आय पर दृष्टि है, साथ ही शुक्र की महादशा में बुध की अंतरदशा है। पंचमेश में लग्नेश का अंतर सफलता का कारक होता है। लेकिन इनकी वर्ष कुंडली मंगल के प्रभाव में है जोकि 11वें व छठे स्थान का स्वामी है इसलिए शुभ फलों में कमी आ सकती है।

इसी माह दुर्घटना के भी आसार हैं। सोमवार को धोनी की कुंडली में चंद्र का गोचर 11वाँ रहेगा। जबकि पीटरसन का सातवाँ। इस प्रकार पीटरसन का चंद्रमा धोनी के मुकाबले कमजोर पड़ रहा है। पीटरसन का वर्ष कुंडली का मंगल भी कमजोर है। मंगल-शनि का भाग्य में योग अस्थिरता देता है। इस वजह से इनकी असफलता के आसार हैं लेकिन यह अंतर बहुत कम होगा।

धोनी को बेहद सूझ-बूझ से काम लेना होगा। संघर्ष के बाद ही सफलता मिलेगी और निर्णय की एक छोटी सी गलती पासा भी पलट सकती है। किंतु एक अच्छी बात यहाँ और उल्लेखनीय है कि भारत और इंग्लैंड की कुंडली का अध्ययन करने पर भारत की कुंडली इंग्लैंड के मुकाबले प्रबल दिखाई दे रही है। अत: इंदौर की भूमि पर धोनी के सितारे जगमगाने की संभावना है।