सुरेश रैना का जन्म जिस समय हुआ उस समय सूर्य वृश्चिक राशि पर परिभ्रमण कर रहा था। उसके प्रभाव से रैना आज लोक विख्यात है। कुंडली में सूर्य की स्थिति ने प्रसिद्धि दिलाई है तथा देश-विदेश में सम्मान भी दिलाया है।
जन्म पत्रिका में चंद्र की स्थिति रैना को धनार्जन कराएगी। राज्य और देश में सम्मान मिलने का एक बहुत बड़ा कारण सूर्य के साथ-साथ चंद्र भी है। यह चंद्र परिवार को सुखी बनाता है। मंगल भी यही प्रभाव देता है। बुध भी रैना को पारिवारिक सुख दिलाने काफी हद तक मददगार है। कुंडली में बुध की स्थिति धर्म एवं ब्राह्मण के प्रति श्रद्धावान और विरोधियों पर विजय पाने वाला बनाता है। साथ ही हर प्रकार की संपत्ति प्रदान करता है।
गुरु भी इस मामले में पीछे नहीं है। वो भी इसी प्रकार का फल देता है। परंतु इतना सब होने पर भी ऐसा जातक संतुष्ट नहीं होता है। जन्म के समय गुरु कुंभ राशि पर परिभ्रमण कर रहा था, वह भी संपन्न बनाएगा। शुक्र की स्थिति कुंडली में जिस स्थान पर है वह भी शुभ स्थान दिलाता है एवं शुक्र ने ही रैना को एक अच्छे खिलाड़ी के रूप में प्रसिद्ध किया है। लेकिन कोई भी निर्णय संभलकर लेना जरूरी है। जल्दबाजी में गुण व कीर्ति का ह्रास होने की संभावना बनती है।
PR
शुक्र धनवान के साथ दयावान भी बनाता है। शनि भी संपत्तिवान बनाता है। परंतु शनि मन को कमजोर भी बनाता है। राहू गृहस्थ जीवन में यानी पत्नी को भविष्य में बीमारी से परेशान कर सकता है। अत: राहु की शांति अवश्य करनी चाहिए।
इसी प्रकार केतु भाग्यवान, धन-धान्य से संपन्न बनाकर हर प्रकार के सुख प्रदान करता है। रैना स्वयं पेट संबंधित पीड़ा से दुखी हो सकता है। रैना का जन्म सूर्य की महादशा में हुआ है। वर्तमान में मंगल की महादशा में चंद्र की अंतर्दशा चल रही है। कुंडली में कालसर्प योग भी बनता है। अत: कालसर्प योग की शांति कराना लाभप्रद रहेगी।
दिसंबर से 29 जनवरी तक लिए गए निर्णय लाभदायक साबित होंगे। फरवरी में अच्छे अवसर प्राप्त होने की उम्मीद है। इन दिनों प्रशंसकों में वृद्धि होगी। फरवरी से मार्च सामान्य बीतेगा। कोई भी बड़ा कार्य सोमवार को करें।
विजय प्राप्ति के लिए गणेशजी की आराधना करनी चाहिए। 15 तारीख को कोई नया कार्य शुरू न करें। रैना को मूँगा, पुखराज और गोमेद धारण करना चाहिए। यह लाभप्रद रहेगा।