बिपाशा का जन्म जिस समय हुआ सूर्य धनु राशि में विराजमान था, उसी के प्रभाव से बिपाशा लोकविख्यात है, बिपाशा की कुंडली में चंद्र भी ऐसी ही जगह पर बैठा है, जो उच्च स्थान दिलाता है। बिपाशा को मंगल के कारण कोई न कोई परेशानी आ सकती है। अत: बिपाशा को मंगल का निवारण करना चाहिए। नासिक में मंगल भात पूजन कराने से प्रत्येक कठिनाई से मुक्त होगीं, मनोरथ पूर्ण होंगे।
मंगल की स्थिति कुंडली में जिस राशि पर विराजमान है उसके परिणामस्वरूप ही बिपाशा आर्थिक रूप से संपन्न है।
ग्रहों का प्रभाव प्रत्येक जीव पर अवश्य पड़ता है। बुध बिपाशा के जन्म के समय धनु पर भ्रमण कर रहा था। अत: वह बिपाशा को दूसरे के कार्यों में मदद की प्रेरणा देता है एवं जागृत करता है। बिपाशा ने इसका लाभ उठाना चाहिए। इसी के साथ बुध बिपाशा को मान-सम्मान एवं धन से पूर्ण करता है, गुरु सप्तम भाव में विराजमान है जोकि सुखी, सुंदर एवं उत्साही बनाता है, बड़प्पन देता है। गृहस्थी में सुख आनंद रहेगा। गुरु मान-सम्मान भी दिलाएगा।
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बिपाशा की पत्रिका में धनु का शुक्र विराजमान है जो मान-सम्मान तो दिलाता है इसी के साथ विदूषी भी बनाता है। लग्न में शुक्र की उपस्थिति बिपाशा को शरीर में सुंदरता प्रदान करता है। श्रेष्ठ लोगों से दोस्ती भी बढ़ती जाएगी। इसी के साथ कर्म भी श्रेष्ठ रहेंगे। बिपाशा का वैवाहिक जीवन सुखमय रहेगा।
शनि जिस स्थान पर बैठा है उसके प्रभाव से वह मृदुभाषी बनाएगा। बिपाशा को शनि भविष्य में संतान संबंधित कष्ट दे सकता है। अत: शनि की शांति कराएँ।
बिपाशा का जन्म जिस समय हुआ उस समय उसको बुध की महादशा चल रही थी। जिसका भोग्यकाल 9 वर्ष व 9 माह 19 दिन रहा। इस समय 20 फरवरी 1994 से 20 फरवरी 2014 तक शुक्र की महादशा बिपाशा को रहेगी।
भाग्य में रुकावटें आएगी। जनवरी एवं फरवरी में पूर्ण विश्वास के साथ कार्य करें। सफलता कदम चूमेगी। किसी से विवाद में समझौता करना उचित रहेगा। आपसी कटुता समाप्त होगी। मार्च में अपनी कार्यकुशलता से औरों को प्रभावित करेंगे। 2010 में आप फिल्में या व्यक्तिगत कार्य को आवेश में आकर कम लाभ या अपनी हकदारी छोड़ना उचित नहीं रहेगा। उतार-चढ़ाव ज्यादा रहने से परेशानी रह सकती है। स्वास्थ्य नरम-गरम रहने का योग है।
बिपाशा को क्रय-विक्रय के मामले में शुक्रवार को कार्य करना चाहिए। बुधवार को अच्छी उच्च फिल्मों को साइन करें। सफेद, नीला संतरी रंग शुभ रहेगा। काला शुभ नहीं है। बिपाशा को पुखराज, मूँगा एवं माणक का संयुक्त लॉकेट पहनना चाहिए।